Apr 11, 2018
छत्तीसगढ़ भाजपा वरिष्ठ नेता और रमन सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हेमचंद यादव का देर रात निधन हो गया है उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां आज सुबह करीब 1:00 बजे उन्होंने अंतिम सांसे ली। इस सूचना से उनके गृह नगर दुर्ग भिलाई सहित पूरे छत्तीसगढ़ में शोक की लहर है मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित तमाम आला नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री हेमचंद यादव के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यादव ने सार्वजनिक जीवन में रहते हुए तथा एक मंत्री के रूप में लंबे समय तक जनता की सेवा की। वे मेरे निकट सहयोगी थे। उनका आकस्मिक निधन हम सबके लिए गहरा आघात है। डॉ सिंह ने स्वर्गीय यादव को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है तथा उनके परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की है।
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हेमचंद यादवा का सफरनामा—
1. 1988 तक बेराजगार संघ के जिला अध्यक्ष के साथ साथ जय शीतला युवा वृंद और शीतला
मंदिर समिति के अध्यक्ष ।
2. 1988 में भाजपा से राजनीतिक जीवन की शुरुआत बैगापारा वार्ड अध्यक्ष के रुप में वार्ड
अध्यक्ष से लेकर भाजयुमो शहर अध्यक्ष, भाजपा शहर अध्यक्ष, भाजपा जिला अध्यक्ष,
विधायक और केबिनेट मंत्री तक की राजनीतिक यात्रा।
3. 1992 में शहर भाजपा अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से हुआ, हेमचंद यादव ने इस
संगठनात्मक चुनाव में भाग लिया और निर्वाचित होकर शहर भाजपा की कमान संभाली।
4. 1993 में पार्टी ने जब पहली बार पार्टी ने उन्हे दुर्ग विधानसभा का प्रत्याशी बनाया लेकिन वे
पहले चुनाव जीतने में विफल रहे। बावजूद इसके पार्टी ने 1996 में पार्टी ने उन्हें को जिला
भाजपा की कमान सौंपी।
5. 1998 में फिर से हेमचंद यादव को टिकट मिला. और इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की किला
ढहाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को करारी शिकस्त दी।
6. 2003 में हेमचंद दोबारा इतिहास रचा और 107484 वोट पाकर 22573 वोटों से ऐतिहासिक
जीत दर्ज की।
7. 2003 में रमन सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
8. 2008 में फिर हेमचंद यादव को भाजपा ने टिकट दी और उन्होंने जीत की हैट्रिक बनाई।
दूसरी बार 2008 में रमन सरकार में वे कैबिनेट मंत्री इसके साथ ही हेमचंद यादव ने पार्टी में
रहते हुए कई प्रमुख जिम्मेदारियां निभाई।
9. 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होने दुर्ग विधानसभा के मुख्य चुनाव संचालक
2004 में दुर्ग लोकसभा चुनाव, 2004 में दुर्ग नगर निगम चुनाव, 2005 में भिलाई नगर
निगम चुनाव, 2007 में खैरागढ़ उपचुनाव, 2009 में दुर्ग लोकसभा चुनाव, और 2009 में ही
दुर्ग नगर निगम चुनाव में मुख्य चुनाव संचालक 2013 में पार्टी ने उन्हें पांचवीं बार दुर्ग शहर
से मैदान में उतारा लेकिन वे चुनाव हार गए। पार्टी उन्हें संगठन की महत्वपूर्व जिम्मेदारी दी
और उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया।