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महासमुंदः  महासमुंद जिले की श्रीजल चन्द्राकर 7 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के साथ चन्द्रयान-2 की चांद पर लैड़िग देखेंगी लाइव

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Sep 1, 2019

रेखराज साहू - 7 सितम्बर को होने वाले चंद्रयान-2 की चांद पर लैंडिग का इंतजार पूरा देश कर रहा है। इसे लाइव देखने के सपने को पूरा कर दिखाया है महासमुंद जिले की श्रीजल चन्द्राकर ने। श्रीजल ने ऑनलाइन इसरो चंद्रयान-2 प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लेकर छत्तीसगढ़ राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है और जिले के साथ राज्य का नाम रौशन किया है। श्रीजल 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ इसरो मुख्यालय बंगलुरू से चन्द्रयान-2 की चांद पर लैड़िग लाइव देखेगी।

ऑनलाइन चंद्रयान-2 प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया श्रीजल ने

महासमुंद जिले के बेलसोण्डा निवासी योगेश चन्द्राकर की बेटी श्रीजल चन्द्राकर आज पूरे छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं के लिए मिसाल बनकर सामने आई है। श्रीजल केन्द्रीय विद्यालय महासमुंद में 9 वीं की छात्रा है और श्रीजल के पिता एक बीमा का कर्मचारी है। 22 जुलाई को चन्द्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया गया था। उसके बाद इसरो ने ऑनलाइन चंद्रयान-2 प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन 10 अगस्त से 20 अगस्त के बीच आयोजित किया। जिसमें महासमुंद के केन्द्रीय विद्यालय के 292 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 20 प्रश्नों के उत्तर दस मिनट में देने थे, जो इसरो व समसामयिकी विषय पर आधारित थे। प्रतियोगिता में ज्यादातर प्रश्नों के सही उत्तर देकर श्रीजल ने छत्तीसगढ़ में अपना पहला स्थान प्राप्त किया। अब श्रीजल सात सितबंर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ इसरो मुख्यालय बंगलुरू में चन्द्रयान-2 की चांद पर लैड़िग को लाइव देखेगी। जिसे लेकर श्रीजल काफी आतुर हैं और पीएम मोदी से बात करने के लिए मन में तरह-तरह के सवाल संजोए हुए है। वह प्रधानमंत्री से मल्टी टास्किंग, उनकी एनर्जी और यूथ के लिए प्लान के साथ आईडिया कहां से लाते, के बारे में पूछना चाहती हैं। साथ ही पीएम से यह भी पूछना चाहती है कि यूथ को और टैलेंटेड बनाने और भारत के विकास के लिए पीएम ने क्या योजना बना रखी है।

सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ शिक्षकों को

श्रीजल इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ शिक्षकों को दे रही है। श्रीजल की इस सफलता के बाद उसके माता-पिता और स्कूल प्राचार्य श्रीजल के इस सफलता पर गौरवान्वित महशूस कर रहे है।और इसे एक सुनहरा अवसर मान रहे है जिसका इंतजार हर किसी को होता है। इसरो के इस प्रतियोगिता के जरिये हर प्रदेश से एक विजेता को चयनित किया जाना था। जिसमें सफलता हासिल कर श्रीजल ने छत्तीसगढ़ के साथ महासमुंद जिले का मान बढ़ाया है। गौरतलब है कि इसरो के इस पहल से जहां बच्चों को ज्ञान तो मिल ही, साथ ही इसरो के बारे में भी ज्यादा जानकारी बच्चों को मिली है।