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अम्बिकापुर के शासकीय कन्या क्रीडा शिक्षा परिसर की छात्राओं ने लगाया शिक्षक पर उत्पीड़न का आरोप

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Feb 21, 2019

राम कुमार यादव - अम्बिकापुर के गंगापुर इलाके में जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद पुलिस बल के साथ एसडीएम और डीएसपी मौके पर पहुंच गए दरअसल गंगापुर इलाके मे संचालित कन्या क्रीड़ा परिसर की 15-16 छात्राए आज अपने शिक्षक के करतूत की शिकायत करने अपने छात्रावास से बाहर निकली तो आरोपी शिक्षक ने बलपूर्वक अपने कुछ साथियों के साथ छात्राओ को शिकायत करने से रोका इधर इस हंगामे की खबर जैसे ही प्रशासन औऱ पुलिस को हुई वैसे ही पुलिस प्रशासन सब मौके पर पहुंच गए और फिर छात्राओ को प्रशासन औऱ पुलिस के वाहन से उनके छात्रावास लाया गया जहां महिला थाने की निरीक्षक द्वारा छात्राओ को बयान दर्ज किया जा रहा है।

अजय त्रिपाठी ने दी मीडिया को आधी अधूरी जानकारी

हांलाकि पुलिस पूरे मामले से बचने से लिए मीडिया से छुप रही है लेकिन प्रशासन की ओर पहुंचे एसडीएम अजय त्रिपाठी ने मीडिया का आधी अधूरी जानकारी देकर निकल गए। अब आपको लग रहा है कि आखिर छात्राएं क्या शिकायत कर रही थी और शिकायत करने जाने वाली आदिवासी छात्राओ को आरोपी ने आखिर क्यों रोका दरअसल कन्या शिक्षक परिसर मे बीते दिसंबर तक पदस्थ एरियल एक्का को तबादला जिले के दरिमा गांव के कन्या स्कूल मे हो गया है तबादला भी इसलिए हुआ था।

एरियल एक्का के खिलाफ मामला दर्ज

कन्या क्रीडा परिसर की छात्राओ ने दिसंबर माह मे एरियल एक्का के खिलाफ उत्पीडन की शिकायत अपर कलेक्टर से की थी लेकिन उस समय मामला रफादफा कर दिया गया लेकिन आऱोपी शिक्षक एरियल एक्का की पत्नी अभी भी कन्या शिक्षा परिसर मे पदस्थ है और वो अपनी पत्नी के साथ कन्या शिक्षा परिसर के कैंपस मे ही रहता है और जब क्रीडा परिसर के छात्रावास से पढाई करने के लिए छात्राएं कन्या परिसर आती हैं तो फिर वो पिछली शिकायत करने वाली सभी छात्राओ को मानषिक रुप से प्रताडित करता है।

छात्राओं ने सुनाई आपबीती

यही वजह है कि आज एक बार फिर लामबंद होकर छात्राएं जब अपनी आप बीती की शिकायत करने एसपी के पास जा रही थीं तभी छात्राओ के उत्पीडन और प्रताडना के आरोपी शिक्षक एरियल एक्का ने बल पूर्वक उनको रोकने के प्रयास किया, और जब उससे पूंछा गया तो उसके तेवर अलग ही नजर आए. 

मीडिया से बच रही पुलिस

हालांकि छात्राओ के साथ बदसलूकी और उत्पीडन करने वाले शिक्षक को पुलिस ने मौके से हिरासत मे ले लिया है लेकिन पूरे मामले मे पुलिस मीडिया के सामने कुछ कहने से बच रही है इसलिए ये स्पष्ट नहीं हो रहा है कि आखिर मामले मे जब पहले की शिकायत मे पीडित छात्राओ का बयान दर्ज किया जा चुका है तो दोबारा बयान लेकर पुलिस क्या साबित करना चाहती है कही ऐसा तो नही कि पुलिस प्रशासन के कहने पर बदनाम करने वाले इस मामले को फिर से दबाने का प्रयास कर रही है।