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धान खरीदी पर पहली बार ऐसी व्यवस्था, सरकार ने टोकन की लिमिट संख्या की खत्म

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Jan 31, 2020

वैभव शिव पाण्डेय : राज्य सरकार की ओर से की जा रही धान खरीदी पर पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसानों से तब तक धान लिया जब तक वे अपना धान बेच नहीं लेते। इस व्यवस्था के साथ ही सरकार ने टोकन की लिमिट संख्या को भी खत्म कर दिया है। वहीं सरकार ने यह भी किसानों से कहा है कि अगर कहीं कोई भी परेशानी हो तो सीधे सरकार तक वे शिकायत करें। किसानों को किसी तरह की कोई भी परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों के साथ मंत्रियों को भी लगातार खरीदी केंद्रों का दौरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। खुद मुख्यमंत्री केंद्रों में जाकर किसानों से मिल रहे हैं। आखिर किस तरह से चल रही है ये व्यवस्था और क्या कहते हैं किसान देखिए इस रिपोर्ट में-

किसानों को राहत देने की कोशिश
छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से इसी तरह सुचारु व्यवस्था के धान खरीदी लगातार जारी है। अधिकारियों से लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक लगातार खरीदी केंद्रों का दौरा कर किसानों से मिल रहे हैं, व्यवस्था को देख रहे हैं, कहीं कोई कमी है तो उसे पूरा कर रहे हैं, अव्यवस्थाओं को दूर कर रहे हैं। बीते दो महीने से जारी धान खरीदी के बीच सरकार ने कई तरह से किसानों को राहत देने की कोशिश की है। विशेषकर सरकार ने जो किया है उनमें- पहला टोकन लिमिट को खत्म करना और दूसरा 15 फरवरी के बाद भी खरीदी को जारी रखने का ऐलान शामिल है। इस व्यवस्था को लेकर किसान बेहद खुश हैं। 

126 मीट्रिक टन धान की खरीदी 
छत्तीसगढ़ में इस व्यवस्था के साथ जारी खरीदी का नतीजा ये है कि किसानों से 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 63 लाख 47 हजार 126 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। राज्य के 19 लाख 52 हजार 736 पंजीकृत किसानों में से अब तक 14 लाख 95 हजार 77 किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा गया है।  वहीं धान बेचने वाले 14 लाख 15 हजार 595 किसानों को 10,904 करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है। वहीं अब तक 30 लाख मीट्रिक टन धान का कस्टम मिलिंग भी हो चुका है। सरकार का कहना है कि हम किसानों से तब तक धान खरीदेंगे जब तक किसान अपना धान नहीं बेच ले लेते। किसानों को कोई परेशानी न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। 

सरकार ने किसानों से किया वादा
यही नहीं सरकार ने जो वादा किसानों से 25 सौ रुपये में खरीदी का किया है उसे भी पूरा किया जा रहा है। सरकार फिलहाल तो केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है, लेकिन इसके साथ ही भूपेश सरकार ने समर्थन मूल्य में खरीदी और 25 सौ रुपये के बीच के अंतर की शेष राशि किस तरह से किसानों को दी जाएगी इसकी व्यवस्था भी कर ली है।