Loading...
अभी-अभी:

माँ के ऊपर ऐसी आस्था कि कोई नंगे पैर तो कोई घुटनो के बल 100 कि.मी दूरी तय कर पहुंचता है दरबार

image

Oct 16, 2018

आशूतोष तिवारी - शारदीय नवरात्री के पावन अवसर पर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन करने हजारों की संख्या में श्रध्दालु पहुंचते हैं माई दंतेश्वरी के प्रति अपनी भक्ति व अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये भक्त नवरात्रि के दौरान अलग अलग तरीकों से अपनी आस्था को प्रदर्शित करते हैं। और माई दंतेश्वरी के प्रति अपनी इसी आस्था के ही चलते हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त जगदलपुर से करीब 100 कि.मी. की दूरी पर दंतेवाड़ा  स्थित दंतेश्वरी मंदिर तक का सफर पैदल ही तय करते हैं इसे माता की अपने भक्तों पर कृपा ही कहा जा सकता है कि तपती धूप में भी बच्चे, बूढ़े व महिलायें बिना किसी शारीरिक हानि के यह कष्टदायक सफर तय कर लेते हैं।

जगह-जगह पर किया जाता है सुविधाओं का इंतजाम

वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भी इन पदयात्रियों के लिये जगह-जगह पर सुविधा केन्द्रों का इंतजाम किया जाता है। दंतेवाडा स्थित माई दंतेश्वरी पर लोगों की गहरी आस्था है, और माई जी के प्रति उनके भक्तों की यही आस्था ही उन्हें हर वर्ष जगदलपुर से दंतेवाड़ा तक 100 कि. मी. का सफर पैदल तय करने की शक्ति देती है यहीं कारण है कि हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त मांई दंतेश्वरी के दर्शन करने पैदल ही जगदलपुर व आसपास के स्थानों से निकलते हैं सबसे खास बात यह कि 100 कि.मी. लंबे इस कष्टप्रद सफर में युवाओं के साथ साथ बच्चे, बूढे व महिलाय़ें भी शामिल होती हैं।

निशुल्क मुहैय्या कराई जाती है सेवाएं

माता के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले पदयात्रियो को रास्ते मे किसी तरह की दिक्कत न आये इसके लिए भी शहर के विभीन्न सामाजिक संगठनो के सेवा दल द्वारा 100 कि.मी के इस लंबे पदयात्रा मे श्रध्दालुओ के लिए जगह जगह टेंट लगाकर फलहार भोजन और स्वास्थ सेवा जैसे सुविधा भी निशुल्क मुहैय्या कराई जाती है। शहर के आंध्र समाज के द्वारा भी इन श्रध्दालुओ के लिए जिया डेरा मे रात्रि विश्राम के साथ फलहार भोजन और स्वास्थ सेवा की भी सारे इंतजाम प्रतिवर्ष किये जाते है।