Nov 20, 2019
ओम शर्मा : डीकेएस अस्पताल में अब मुफ्त इलाज बंद होगा। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि इलाज के लिए मुख्यमंत्री की अनुशंसा लेनी होगी और संजीवनी कोष से इलाज होगा। डीकेएस स्वायत्त संस्था है। वर्तमान में डीकेएस घाटे में चल रहा है। अस्पताल की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए यह फैसला लिया गया है।
महीने में करीब एक करोड़ का फ्री इलाज
टीएस सिंहदेव ने कहा कि डीकेएस के प्रबंधन में जहां सुधार करने की कोशिश की गई है, वहां सुधार भी हुआ। लेकिन बहुत कुछ करना बाकी है। डीकेएस एक स्वायत्त संस्था के रूप में पंजीकृत पिछली सरकार ने कर दी थी। शासन इसमें सीधे तौर पर बहुत कम योगदान देता है। वर्तमान में बहुत सारे जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ नागरिक फ्री इलाज के लिए अनुशंसा करते हैं। डीकेएस ऐसा सिस्टम नहीं है जैसा मेकाहारा हो गया या अन्य सरकारी अस्पताल में है। महीने में करीब एक करोड़ का फ्री इलाज हो रहा है, जबकि उसके लिए पैसे नहीं मिलते है।
डीकेएस अस्पताल नाम के लिए सरकारी
उन्होंने कहा कि डीकेएस अस्पताल नाम के लिए सरकारी है। वास्तविक स्वरूप उसका स्वायत्त है। अपने पैसे से खड़े रहना है। प्रबंधन को मैंने डायरेक्शन दिया है। फ्री इलाज के लिए अगर संजीवनी कोष से राशि मिलती है या मुख्यमंत्री के कहने पर ही फ्री इलाज की व्यवस्था करें। अन्यथा जो भी प्रकरण आएंगे बिना संजीवनी कोष के उसको स्वीकृति डीकेएस नहीं कर पाएगा। डीकेएस के पास गार्ड को देने के लिए पैसे नहीं है। बिजली बिल पटाने के पैसे नहीं है। अन्य जो ऊपरी खर्चा है उसके लिए पैसे नहीं है। यह करीब 2 करोड़ के आसपास है। आमदनी मुश्किल से 50 लाख है। सवा करोड़ से ज्यादा का वहां पर डिफिशिएंट है। ऐसे में वह संस्था नहीं चल पाएगी।