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खुलेआम रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन, खनिज विभाग कर रहे खानापूर्ति

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Dec 24, 2018

डब्बू ठाकुर : अरपा नदी से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध के बावजूद रेत उत्तखनन और बेखौफ होकर परिवहन का होना अपने आप एक बड़ा सवाल है कि आखिरकार जिम्मेदार विभाग क्यों कुम्भकर्णीय नींद सो रहा है।

बता दें कि सत्ता परिवर्तन के बाद भी अधिकारियों का गोलमाल रवैया बना हुआ है और अरपा की रेत को रेत माफिया बेखौफ उत्तखनन व परिवहन कर राजस्व का चूना लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार कोटा क्षेत्र के ग्रामपंचायत, बिल्लीबंद, पोड़ी, करहीकछार, रतखण्डी में ट्रैक्टर से खुलेआम रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यहां से बगैर रॉयल्टी पर्ची के नाम पर नदी से रेत निकालने का 150  से 200 ग्रामीणों द्वारा वसूली के रूप में लिया जा रहा है।

ग्रामीणों की शिकायत है कि बड़ी मुश्किल से मौके पर पहुंचते हैं खनिज अधिकारी। ग्रामीणों का आरोप है कि खनिज विभाग द्वारा महज खानापूर्ति के नाम पर गाड़ियों पर कार्यवाही कर छोड़ देते हैं। इसके बाद शेष दर्जनों गाड़ियों को बगैर कार्यवाही जाने दिया। ग्रामीणों के अनुसार यहां प्रतिदिन सुबह-शाम सौ से अधिक  ट्रैक्टर से रेत  उत्खनन किया जाता है। जीवनदायिनी अरपा नदी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है नदी को सुरक्षित करने के बजाय नदी के चारों ओर अवैध उत्खनन किया जा रहा है जिसके कारण नदी का मूल स्वरूप बदलता जा रहा है।

जानकारी के अनुसार रेत उत्खनन के लिए सभी घाट को बंद कर दिया गया है इसके बावजूद आसपास के ठेकेदारों  ट्रैक्टर अरपा नदी  पर बेखौफ नजर आ रहे हैं। स्वीकृत रेत खदानों से रेत उत्तखनन पर प्रतिबंध होने के बावजूद रेत का अवैध खनन खनिज अधिकारियों और रेत माफियाओं की सांठगांठ को उजागर करता है वहीं स्वीकृत रेत घाट पर खनिज नियमों का पालन होता किसी भी खदानों में दिखलाई नहीं दे रहा।

रेत निकालने वाले मजदूरों की मानें तो प्रतिदिन रेत के उत्तखनन व परिवहन का कार्य किया जाता है।वहीं ग्रामीणों द्वारा  बताया जा रहा है कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा खनिज विभाग के अधिकारियों से मिलकर नदी से रेत निकाला  जा रहा है,वहीँ ग्रामीणों का कहना है 112 में फोन करने के बाद भी नही होती कोई कार्यवाही नही आती पुलिस ,थाने वाले भी किसी की नहीं सुनते हैं नदी में बेखौफ अवैध खनन हो रहा है। ये सब अधिकारियों की मिलीभगत है। नदी में पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगनें के बाद भी यहां नदी की रेत का उत्तखनन व परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करता है।

बहरहाल सत्ता परिवर्तन के बाद छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध उत्तखनन को लेकर अधिकारियों को शख्स हिदायत के साथ तत्काल रोक लगाने निर्देश दिए हैं किंतु ऐसा लगता है कि जिला खनिज विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश का भय भी नहीं लग रहा। शायद इसलिए ही प्रतिबन्ध के बावजूद रेत का अवैध उत्तखनन व परिवहन बदस्तूर जारी है।