Loading...
अभी-अभी:

जलसंकट से बचने के लिए ग्रामीणों ने खुद निकाली तरकीब, नहीं मिली प्रशासन से कोई मदद

image

Jan 15, 2019

पुरुषोत्तम पात्रा - नदी में काम कर रहे ये कुम्हडई खुर्द के लोग है जो तेल नदी के किनारे बसे होने के बाद भी जलसंकट से जुझ रहे है और अभी ये जलसंकट से छुटकारा पाने के लिए तेल नदी के बहते पानी को रोकने के जुगाड में लगे है ताकि गर्मी के दिनों में उन्हें जलसंकट का सामना ना करना पडे इस काम में गॉव के हर घर से एक आदमी श्रमदान करने आता है बैलों के पीछे कोपर बांधकर रेत को एक जगह इक्ट्टा किया जाता है और फिर उसके ऊपर लकडी और दुसरे भारी वजन रख दिया है, नीचे में छोटे छोटे होल रखे जाते है ताकि पानी के शुद्धिकरण के साथ दुसरे गॉवो तक भी पानी का बहाव बना रहे।

जानकारी होने के बाद भी प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान

ऐसा नही है कि कुम्हडई खुर्द जैसे दर्जनों गॉवो में जलसंकट की जानकारी जिला प्रशासन को ना हो बल्कि जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर काम करने के बाद हाथ खडे कर दिये है कुम्हडई खुर्द गॉव की ही बात की जाये तो 2 हजार की आबादी वाले इस गॉव मे पीएचई विभाग द्वारा 16 हैंडपंप लगाये गये है, मगर गर्मी का सीजन शुरु होते ही ये हैंडपंप जवाब देने लगते है और गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को भारी किल्लत का सामना करना पडता है इसीलिए कुम्हडई खुर्द के लोगो ने गर्मी के दिनों में जलसंकट से बचने के लिए तेल नदी पर 150 मीटर लंबा बधान बनाने का फैसला लिया है।

ग्रामीणों ने मिल कर किया काम

समस्याओं के निदान में अपनी भागीदारी निभाना समस्याओं की दुहाई देने से कहीं बेहतर माना जाता है शायद इसी सोच के साथ ही कुम्हडई खुर्द के लोगो ने भी जलसंकट की दुहाई देने की बजाय उसका समाधान करने का फैसला लिया है ग्रामीणों की इस सोच से उऩके गॉव की समस्या का समाधान तो हुआ ही साथ ही दुसरे गॉव के लोगो के लिए भी प्रेरणा का काम किया है वैसे जल प्रबंधन ही जलसंकट को खत्म करने सबसे अच्छा विकल्प है।