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कोरबाः नगरी निकाय चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ता ने किया खुद को कमरे में बंद

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Dec 5, 2019

मनोज यादव - भाजपा की नगरी निकाय चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी। प्रदेश के प्रत्येक हिस्से से भाजपाइयों के विरोध सुनाई दे रहे हैं, लेकिन कोरबा में तो गजब हो गया। एक कार्यकर्ता ने तो टिकट ना मिलने से दुखी होकर खुद को कमरे में बंद कर लिया। वह अपने साथ कुछ अनिष्ट करता इससे पहले उसे बचा लिया गया। विधानसभा चुनाव में 68-15 से जबरदस्त झटका खाने के बाद लोकसभा चुनाव में 11-9 से जीतकर भाजपाई आत्मविश्वास से ऐसा लबरेज हुए कि उन्हें नगरी निकाय चुनाव में हर सीट पर विजयश्री दिखने लगी। प्रत्येक नेता अपने गुट के लोगों को टिकट दिलाने में पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। यही वजह है कि अनेक स्थानों पर ऐसे लोगों को टिकट दी गई जिन्होंने कभी भाजपा के लिए काम ही नहीं किया है। इसके कारण ऐसे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो गई जो तन मन धन से पार्टी की सेवा कर रहे थे।

धीरेंद्र ने पार्टी के नेताओं पर लगाया गुटबाजी का आरोप

कोरबा जिले के कोरबा नगर निगम क्षेत्र में भी ऐसा ही दृश्य दिखाई दिया। एक कार्यकर्ता ने जो वार्ड क्रमांक 64 घुड़देवा में टिकट ना मिलने से दुखी होकर खुद को अपने कमरे में कैद कर लिया। खबर फैली कि युवा मोर्चा बाकी मंडल महामंत्री धीरेंद्र मानिकपुरी इतने निराश हैं कि वे आत्मघाती कदम भी उठा सकते हैं। यह खबर मिलते ही 112 की टीम बाकी पुलिसकर्मियों के साथ धीरेंद्र मानिकपुरी के घर पहुंच गई। बताया जाता है कि धीरेंद्र ने एक सुसाइड नोट भी लिख लिया था जिसमें भाजपा जिला अध्यक्ष और चयन समिति के अन्य सदस्यों को प्रत्याशी चयन में गड़बड़ी का जिम्मेदार बताया गया था। यह सुसाइड नोट पुलिस के हाथ लगता इससे पहले ही फाड़ कर फेंक दिया गया। धीरेंद्र ने पार्टी के नेताओं पर गुटबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि दरी बिछाने वाले सामान्य कार्यकर्ताओं की पूछ परख पार्टी में नहीं रह गई है। बाकी पुलिस ने इस मामले में धीरेंद्र मानिकपुरी का बयान दर्ज कर लिया। बहरहाल, धीरेंद्र मानिकपुरी अकेला नहीं है जो पार्टी की स्थानीय नेताओं की करतूत से व्यथित है, उसके जैसे तमाम वह लोग हैं, जिन्होंने पार्टी के वर्षों सेवा की लेकिन योग्यता होने के बावजूद टिकट से वंचित कर दिया गया। देखना है कि इनका आक्रोश पार्टी को हानि पहुंचाता है या आक्रोश आंसुओं में तब्दील होकर ध्वज धारण कर पार्टी का काम करने में परिवर्तित होता है।