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सागर में विकास के नये-नये प्रयोग शुरू, जमीनी स्तर की हकीकत कुछ और ही...

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Dec 5, 2019

पूजा पांडे : सागर में स्मार्ट सिटी के रूप में विकास के लिए नए-नए प्रयोग तो शुरु कर दिए गए पर इनका असर जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है। जहाँ चौराहों के आकार को व्यवस्थित करने, यातायात को नियंत्रित करने सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए हैं लेकिन लंबा समय बीतने पर भी इन्हें शुरू नहीं किया जा सका है।

आधा दर्जन क्षेत्रों में सिग्नल शुरू
आधुनिक तकनीकी वाले सिग्नलों के प्रति जागरुकता लाने के लिए सिविल लाइन के साथ जिला पंचायत, तिलीतिराहे,भगवानगंज सहित आधा दर्जन क्षेत्रों में सिग्नल शुरू किए जाने थे। जहां जिला पंचायत और तिली तिराहे और मकरोनिया पर तकरीबन चार माह पहले ही सिग्नल लगाए जा चुके हैं। लेकिन अब तक इन सिग्नल को व्यवस्थित रूप से शुरू नहीं किया गया है। चौराहों पर सिग्नल पर केवल पीली बत्ती ही चमकती रहती है। जिसके चलते इन मार्गों से निकलने वाले वाहन चालक दुविधा में दिखाई देते है और अक्सर जल्दबाजी में निकलने के चक्कर में हादसे का अंदेशा भी रहता है।

सिग्नल के कारण भ्रमित हो रहे लोग
जिसके कारण अक्सर इन स्थानों पर वाहन‌ चालकों को सिग्नल के कारण दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जहाँ बनी स्थिति पर स्मार्ट सिटी और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी दोनों का ही ध्यान और रुचि नहीं है। शहर में एकमात्र सिविल लाइन चौराहे पर ही ट्रैफिक सिग्नल चालू हैं अन्य चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था लोग स्वयं तय करते हैं। जहाँ ट्रैफिक कर्मी भी तैनात नहीं रहता। इस वजह से अधिकांश चौराहों पर अकसर जाम और विवाद की स्थिति बनती है यहाँ से निकलने वाले वाहन चालक असहज महसूस कर रहे और स्मार्ट सिटी के नाम पर किए जा रहे प्रयोग पर चुटकी लेते दिख रहे हैं।