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फॉरेंसिक साइंस का महत्व एवं योगदान पर कार्यशाला

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Feb 22, 2019

आशुतोष तिवारी- फॉरेंसिक साइंस का महत्व एवं योगदान को लेकर राज्य न्यायालय विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर व क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला जगदलपुर के साथ ही बस्तर पुलिस द्वारा अनुसंधान मर्ग प्रकरण की गुणवत्ता स्तर उन्नयन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में रायपुर कांकेर व जगदलपुर के फॉरेंसिक एक्सपर्ट द्वारा अपने अपने विचार रखे गये। साथ ही अपराधिक मामले को सुलझाने में किस तरह वैज्ञानिक तरीके का उपयोग किया जाता है, इस पर अधिकारी कर्मचारियों को जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में उपस्थित फॉरेंसिक एक्सपर्टों ने बताया कि अग्नेय अस्त्र से घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही भौतिक साक्ष्य जमा करने की जानकारी दी। प्रयोगशाला में इसका किस प्रकार जांच करने के बाद आरोपी तक पहुंचा जाता है, इसकी भी जानकारी दी गई।

कार्यशाला में फॉरेंसिक सहायता एवं कुछ महत्वपूर्ण प्रकरणों की दी गई जानकारी

अनुसंधान केंद्र बस्तर के संयुक्त संचालक डॉ सूरीबाबू ने बताया कि अपराध अनुसंधान एवं मर्ग प्रकरण में घटनास्थल से फॉरेंसिक सहायता एवं कुछ महत्वपूर्ण प्रकरणों की जानकारी कैसे लिया जाता है। साथ ही फॉरेंसिक अनुसंधान में इसकी जांच किस प्रकार की जाती है, जिससे अपराधियों तक पहुंचा जा सके। डॉ सूरी बाबू ने बताया की बस्तर में होने वाले विभिन्न तरह के आपराधिक घटनाओ में मौजूद मक्खी की मदद से किस तरह मृत्य व्यक्ति के मौत का समय, जैसी अन्य जानकारी मिल जाती है। इसके अलावा साइंटिस्ट रविंद्र शर्मा ने भी डीएनए का महत्व एवं डीएनए परीक्षण हेतु भौतिक साक्ष्यों को भेजते समय किस प्रकार के सावधानियां अपनानी चाहिए, इस पर चर्चा कर उसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी अधिकारियों को दी। इस एक दिवसीय इस कार्यशाला में अपराधिक घटनाओं से सम्बंधित फॉरेंसिक मदद पर चर्चा कर किसी घटना के बाद किस तरह से अपराधी तक पहुंचा जा सकता है, इस पर विशेष प्रशिक्षण फॉरेंसिक एक्सपर्ट के माध्यम से दिया गया, संभाग स्तरीय इस कार्यशाला में संभाग के सातों जिलों के पुलिस के आला अधिकारी, डीएसपी, प्रधान आरक्षक, एसआई, लेवल के लगभग 150 कर्मचारी मौजूद थे।