Jul 25, 2019
छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा की भूपेश सरकार को शराब बंद करना चाहिए। साथ ही भूपेश बघेल की सरकार को आदिवासी हितैषी सरकार बताते हुए यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है जिसमें आदिवासियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने जशपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा की 6 माह में किसी सरकार का आकलन करना उचित नहीं है वैसे छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की हितेशी है, इस सरकार में चीफ सेक्रेटरी जैसे पद पर भी आदिवासी लोग है, उन्होंने कहा की यह क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र है यहाँ आदिवासियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस की घोषणापत्र में शराबबंदी करने का वायदा पूरा करने के सवाल पर कहा कांग्रेस पार्टी शराब बंदी की बात कह कर सत्ता में आई है तो प्रदेश में तुरंत शराब बंद कर देना चाहिए। नंदकुमार साय ने शराब छुड़ाने के लिए नमक छोड़ने वाली घटना का जिक्र करते हुए बताया की 1970 में जब वो पढ़ रहे थे तब उन्होंने देखा की शराब भट्ठी वाले गरीब आदिवासियों को शराब पिला पिला कर उनकी जमीन -बाड़ी अपने नाम से लिखवा लेते है तब उस समय में नन्दकुमार साय ने फरसाबहार में एक बहुत बड़ा बैठक किया। नन्दकुमार साय ने बताया कि 23 सितम्बर 1970 को उस बैठक में हमारे ही लोगो को हमारे खिलाफ शराब भट्ठी वाले भड़का दिए थे।
लोगों ने बताया की हम लोग शराब छोड़ना चाहते है लेकिन छोड़ नहीं पा रहे है , साय जी ने कहा की आपलोग संकल्प करोगे तो छोड़ सकते है , फिर गाँव वालो ने कहा की अगर कोई नमक छोड़ देगा तो हमलोग उसको देख कर शराब छोड़ सकते है, साय जी ने पूछा की नमक कौन छोडेगा, गाँव वालो ने कहा की साय जी आप छोडिये, आपको देख कर हमलोगों को हिम्मत आएगी, 23 सितम्बर 1970 से नंदकुमार साय ने नमक छोड़ दिया अब सरकार ने जब वादा किया है तो सरकार को वादा निभाना चाहिए, नंदकुमार साय ने कहा की शराब इतना ख़राब है की कोई कल्पना नही कर सकता है , शराब के कारण रावण जब राक्षस हो सकता है तो सामान्य आदमी की क्या बात करें।