Feb 21, 2018
रायपुर। कृषि विभाग में एक बार फिर महाघोटाला उजागर हुआ है। किसानों की सब्सिडी के करोड़ों रुपए किसान की जगह किसी और ने हड़प लिए। सूचना के अधिकार में मिले दस्तावेजों से हुए इस खुलासे से छत्तीसगढ़ में किसानों का हित करने की बात कहने वाली सरकार के माथे पर एक और कलंक लग गया है। क्योंकि अधिकारी ही भ्रष्टाचार करके सरकार की छवि धुमिल करने में लगे हैं।
सरकार की ओर से कराए भौतिक सत्यापन में खुलासा...
कुछ ऐसा ही मामला कृषि विभाग के बीज एवं कृषि विकास निगम की ओर से किसानों को बांटे गए कृषि उपकरणों के वितरण में सामने आया है। जिसका खुलासा सरकार की ओर से कराए गए भौतिक सत्यापन में हुआ।
दरअसल सरकार ने थर्ड पार्टी के रूप में नाबार्ड के जरिए किसानों को बांटे गए सब्सिडी का भौतिक सत्यापन कराया और उसमें जो खुलासा हुआ उसने अधिकारियों के महाघोटाले को उजागर कर दिया है। आरटीआई से मिले दस्तावेजों में उत्तर बस्तर कांकेर और बिलासपुर जिले के प्रकरण सामने आए हैं।
ये है जाँच प्रतिवेदन की रिपोर्ट...
उत्तर बस्तर कांकेर....
7 विकासखण्डों में साल 2016-17 में कुल 2092 किसान हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। इसमें 1193 सिंचाई पंप, 859 स्पिंकलर सेट, 40 कृषि यंत्र प्रकरण शामिल हैं।
198 हितग्राहियों को सामग्री प्राप्त हुई लेकिन मापदण्ड के अनुसार नहीं।
513 प्रकरण में किसानों का पंजीयन लेकिन उन्हें सामग्री नहीं, जबकि संचालनालय कृषि उन्हें लाभान्वित होना बताया।
26 प्रकरण ऐसे में जिसमें किसानों का न तो पंजीयन हुआ न सामग्री मिली।
78 प्रकरणों में नाम और पते के मुताबिक किसान मिले ही नहीं
79 ऐसे हितग्राही मिले जिनकी सामग्री दूसरे गाँवों में रखना, बेचना पाया गया।
बिलासपुर जिला...
1748 प्रकरणों में सिंचाई पंप 1520, 116 कृषि यंत्र, 35 स्प्रिकंलर, 77 ड्रिप, सिर्फ 570 प्रकरण में कृषकों को सामग्री मिलना पाया गया।
46 प्रकरण में किसानों को सामग्री ही नहीं मिली।
368 प्रकरण में किसानों का पंजीयन कराया पर सामग्री नहीं मिली, लेकिन कृषि संचालनालय ने उन्हें लाभ मिलना बताया है।
87 प्रकरण ऐसे मिले जिसमें न तो पंजीयन हुआ, न सामग्री मिली फिर उन्हें लाभान्वित बताया गया।
167 प्रकरण में नाम और पते के मुताबिक किसान मिले ही नहीं।
किसानों के साथ किया गया सबसे बड़ा घोटालाः डॉ. संकेत ठाकुर
किसान नेता और आम आदमी पार्टी के राज्य संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा कि ये किसानों के साथ किया गया सबसे बड़ा घोटाला है। अधिकारियों ने किसानों के 3 सौ करोड़ की सब्सिडी हड़प ली। मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर कार्रवाई की मांग की है।