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छत्तीसगढ़ सरकार के ऑन डिमांड कनेक्शन के दावे खोखले, पिछले 10 साल से परिवार को नहीं मिला बिजली कनेक्शन

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May 17, 2019

पुरूषोत्तम पात्रा : सौभाग्य और सौर सुजला योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार के ऑन डिमांड कनेक्शन और सरप्लस बिजली के दावे से गरियाबंद का एक परिवार बेहद खफा है, परिवार द्वारा लगातार मांग करने के बाद कनेक्शन नहीं मिला, परिवार आज भी चिमनी के भरोसे अपना गुजर बसर करने पर मजबूर है।

पिछले 10 साल से अंधेरे में रहने पर मजबूर है ये गांव
ये हैं गरियाबंद जिले की मुंगिया पंचायत के आश्रित गांव बंदपारा के रुपधर नागेश और उनका 25 सदस्यीय परिवार, जो पिछले 10 साल से अंधेरे में रहने पर मजबूर है। बता दें कि इनके घर में एसी, पंखा, कुलर, टीवी, फ्रिज तो दूर की बात है, बिजली की फिटिंग तक नहीं है, इसीलिए रात में बच्चों को पढ़ाई करनी हो या फिर महिलाओं को खाना बनाना हो, सभी काम चिमनी की रोशनी में ही होते है।

रुपधर ने की बिजली कनेक्शन की मांग
ऐसा नही है कि रुपधर ने कभी बिजली कनेक्शन की मांग ना की हो, बल्कि जनसमस्या निवारण शिविर से लेकर मुख्यमंत्री तक आवेदन करने के बाद भी उऩकी मांग पुरी नहीं हुई। सबसे ताज्जुब की बात तो ये है कि बिजली विभाग के देवभोग जेई ने पीड़ित परिवार द्वारा अबतक आवेदन नहीं करने का दावा किया है जबकि पीड़ित परिवार के पास उनको दिये गये आवेदन की पावती मौजूद है, पीडित परिवार ने अब जल्द मांग पूरी नहीं होने पर अपना घर छोडकर पंचायत भवन में डेरा डालने की चेतावनी दी है।


मामले को कब गंभीरता से लेंगे अधिकारी
जिस तरह पानी की अहमियत प्यासे और खाने की अहमियत भूखे व्यक्ति से बेहतर कोई नही समझ सकता उसी प्रकार बिजली की असली अहमियत चिमनी की रोशनी में गुजर बसर करने वाला ही समझ सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि रुपधर के परिवार को और कितने दिन चिमनी की रोशनी में गुजारने पड़ेगे और अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते है।