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छत्तीसगढ़ : जांजगीर चांपा जिले को मिली नई पहचान, प्रदेश में स्थापित हुआ पहला मगरमच्छ पार्क

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Dec 27, 2019

शैलेंद्र श्रीवास : छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में स्थित ग्राम कोटमी सोनार को मगरमच्छों के कारण एक नई पहचान मिली है। पूरे देश भर में एकमात्र एकल मगरमच्छ पार्क स्थापित किया गया है और इस पार्क में 300 से अधिक मगरमच्छ मौजूद हैं, जिसे देखने दूर दूर से लोग जुटते है।

पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि
बता दें कि, अभी ठंड के मौसम में मगरमच्छ देखने व पिकनिक मनाने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही हैं। मगरमच्छ देखने रोजाना हजारों लोग पहुँच रहे हैं। पार्क में कैंटीन, गार्डन, झूले, व गाड़ी स्टैंड की समुचित व्यवस्था भी शासन द्वारा की गई है जो वन विभाग के लिए आय का स्त्रोत बने हुए हैं दूर तक देखने के लिए टावर भी बनाया गया है। वहीं यहाँ प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल माहौल होने से कई प्रवासी पक्षियों का आना होता है। जो इस पार्क में चार चांद लगाते हैं। 

मगरमच्छ को देवता मानते हैं गांव के लोग..
दरअसल गाँव के लोग मगरमच्छ को देवता मानते हैं। कोटमीटमी गांव के बगल में एक कर्रा नाला है जिसमें बने बांध में भी सैकड़ों मगरमच्छ हैं जो कभी भी कोटमी गांव में घूमते आसानी से देखे जा सकते हैं और बरसात के दिनों में छोटे छोटे मगर खेतों और मैदानों में भी आसानी से देखे जा सकते हैं। मगरमच्छ की बच्चों की तरह सेवा करने वाले बाबाजी का कहना है कि सोनमणि बोरा जी के द्वारा बहुत काम किया गया है और मेरे मृत्यु के बाद मेरे शव को मगरमच्छ को खिला दिया जाए।