Feb 13, 2018
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत दी है। इसकी खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच संबंधी स्वराज अभियान की जनहित याचिका आज शीर्ष कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई है। मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विपक्षियों को करारा जबाब दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए विपक्षी रणनीति फेल होने पर चुटकी ली है। रमन ने अपने ट्वीट में ज्यादा कुछ नहीं लिखते केवल इतना लिखा है कि- " सत्यम् किम् प्रमाणम् "।
ट्विटर एकाउंट पर टैग भी किया...
मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने अपने इस ट्वीट को बकायदा याचिका लगाने वाले नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव के अलावा पीसीसी चीफ भूपेश बघेल, इंडियन नेशनल कांग्रेस छत्तीसगढ़ और अजीत जोगी के ट्विटर एकाउंट पर टैग भी किया है। मुख्यमंत्री के ट्वीट को टैग करना अपने आप में विरोधियों को तीखा जवाब दिए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदी में हुए कथित घोटाले के मामले में कांग्रेस ने सरकार पर चौतरफा हमला बोल रखा था, सड़क से लेकर सदन और सदन से लेकर कोर्ट तक इस मामले में सरकार पर आरोपों की बौछारें जमकर की जारी रही। लिहाजा अब जब सुप्रीम कोर्ट ने रमन सरकार को राहत देने वाला फैसला दिया है। इसे लेकर अब मुख्यमंत्री समेत बीजेपी की ओर से मामले में सियासी दांवपेंच करने में जुटे विरोधी राजनीतिक दलों पर पलटवार किया जा रहा है।
क्या था मामला...
दरअसल साल 2007 में रमन सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर खरीदा था। हेलीकाॅप्टर खरीदने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की अनुशंसा के बाद ही हेलीकाॅप्टर की खरीदी की गई, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में ला दी गई,आरोप लगाया गया कि हेलीकाॅप्टर खरीदी डील में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई।आरोप में कहा गया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के लिए 65.7 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था, जिसमें से 15.7 लाख डॉलर बतौर कमीशन दिए गए थे। इस मामले को लेकर ना केवल कांग्रेस बल्कि जोगी कांग्रेस समेत योगेंद्र यादव की पार्टी स्वराज इंडिया ने भी रमन सरकार पर सवालों के तीर छोड़े। नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव, स्वराज इंडिया और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एसआईटी का गठन कर जांच किए जाने की अपील भी की। तमाम पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रमन सरकार को राहत दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि - पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रही, लिहाजा जांच के लिए एसआईटी के गठन की जरूरत नहीं है।