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कवर्धा : सावन माह के प्रथम सोमवार पर शिवालयों में लगी भक्तों की भीड़

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Jul 30, 2018

प्रदीप गुप्ता : कवर्धा में आज सावन माह के प्रथम सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ शिवालयों में रही, विषेसकर छत्तीसगढ के खजुराहो भोरमदेव में श्रद्धालुओं की भीड सुबह से ही लगी रही।श्रद्धालु गंगाजल, बेलपत्र, पूजन सामाग्री लिए दर्षन के लिए सुबह से ही लाइन लगाए रहे। जितनी संख्या पुरूषों की रही उससे कहीं अधिक संख्या महिलाओं की रही। 

शिव मंदिर से जुडी लोगों की आस्था

11 वीं शताब्दी में बने शिव मंदिर से लोगों की आस्था जुडी हुई है माना जाता है कि संकल्प कर जो भी विधिविधान के साथ पूजा अर्चना करते है उसकी मनोकामना पूरी होती है। भोरमदेव में इस वर्ष भी कांवरिये बड़ी संख्या में जल लेकर अभिषेक करने सुबह से ही पहुंच हुए है। वहीं नगर के पंचमुखी बूढामहोदव मंदिर तथा ग्राम डोगरियां के जलेश्वर महादेव में भी लोगों की भीड दर्शन करने लगी रही है। दोनों ही मंदिरों में हर वर्ष एक लाख से अधिक कांवरिये सावन माह में जलाभिषेक करते है। इस वष्र संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है यहां कवर्धा जिले के अलावा रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, बेमेतरा सहित प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचते है। 

शिवालयों में लगी श्रद्धालुओं की भीड

प्रदेश भर सावन माह में शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड सुबह से लगी रहती है, कवर्धा जिले में भी सावन माह पर्व की तरह मनाया जाता है यहां माह भर कवर्धा जिला सहित आसपास के जिलों से कांवरियें पैदल पहुंचते है तथा शहर के पंचमुखी बूढामहादेव मंदिर तथा भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करते है। आज भी सुबह से ही कांवरिये सहित जिले भर से श्रद्धालु शिवालयों में दर्शन करने पहुंचे हुए है। 

भीड को देखते हुए पुलिस की चाक चोबंद व्यवस्था

सबसे ज्यादा भीड भोरमदेव मंदिर, ग्राम डोगरिया के जलेश्वर महादेव तथा पंचमुखी बूढामहादेव मंदिर में रही। यहां भीड को देखते हुए पुलिस की चाक चोबंद व्यवस्था की गई है। खास कर भोरमदेव मंदिर में 100 से अधिक जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। यातायात के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है। भोरमदेव मंदिर में दूर दूर से लोग मनोकामना पूर्ति के लिए पहुंचते है। 11 वी शताब्दी के इस मंदिर की बडी मान्यता है। सावन माह के पहले सोमवार को जिलाप्रशासन, जनप्रतिनिधि व जिलेवासियों द्वारा पंचमुखी बूढामहादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर पदयात्रा करते है तथा जलाभिषेक करते है। हर वर्ष यहां कवर्धा के तत्कालीन कलेक्टर सहित सिद्वार्थ कोमल परदेशी, जिले के प्रभारी सचिव आर संगीता, पी दयानंद, मुकेश बंसल जैसे कलेक्टर हर वर्ष पहुुुंचते है।