Jun 25, 2017
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंदाकर ने कहा कि मोखा गांव में किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज नहीं है। उसके परिजनों ने भी कर्ज के कारण खुदकुशी की बात कभी नहीं कही। आठ सदस्यीय जांच दल के साथ शनिवार को मोखा पहुंचे थे। बता दें कि महासमुंद जिले के बागबाहरा के चिंगारियां पंचायत के मोखा गांव में कर्ज के चलते आदिवासी किसान मंथिर सिंह ध्रुव ने गत गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले ने अब सियासी रूप ले लिया है। विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है, तो बीजेपी भी अपनी सरकार की छवि को बचाने के लिए सक्रिय हो गई है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने मामले की जांच के लिए आठ सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। इसमें किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर, महामंत्री भारतसिंह सिसौदिया सहित जिले और ब्लॉक के भाजपा नेता शामिल हैं। भाजपा का यह आठ सदस्यीय जांच दल शनिवार को मोखा गांव पहुंचा. दल ने परिजनों और गांव के लोगों के बयान लिए और लौट गया. यह जांच दल प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
परिजनों और गांव वालों के बयान लेने के बाद मीडिया से चर्चा में पूनम चंद्राकर ने कहा कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज कतई नहीं है. परिवार के लोग भी कर्ज को कारण नहीं बता रहे हैं. चंद्राकर का कहना है कि अन्य कारणों से मानसिक तनाव के चलते किसान ने आत्महत्या की है। दूसरी ओर गांव के लोग सभी पार्टियों के नेताओं से खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि ये नेता महज गांव में आकर बयान ले रहे हैं और किसान की मौत पर अपनी राजनीति की रोटियां सेंक रहे हैं. किसान की मदद कोई नहीं कर रहा है।