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यशोदा चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल्स की लापरवाही, बच्चे को 6 इंजेक्शन का डोज देने की वजह से मौत

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Sep 4, 2018

हेमंत शर्मा : राजधानी रायपुर के यशोदा चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल्स की बड़ी लापरवाही सामने आई है बुखार आने पर इलाज कराने आए मासूम बच्चे को डॉक्टर द्वारा बिना जांच के 5 से 6 इंजेक्शन का डोज देने की वजह से मौत हो गई है। परिजन आरोप लगा रहे है कि बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। इस मामले को ले देकर रफादफा करने की बात कह रही है।

मौत के बाद गुस्साए परिजन अस्पताल प्रबंधन में हंमागा कर रहे है स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को मौके पर बुलाने को कहा जा रहा है वहीं परिजन इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे है, घटना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक देवेंद्र नगर स्थित यशोदा चिल्ड्रन्स अस्पताल में गुढ़ियारी से गुप्ता परिवार के लोग ढाई साल के बच्चे अंशू गुप्ता को बुखार आने पर इलाज के लिए बीती रात करीब 10 अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल पहुंचने पर रात में कोई भी डॉक्टर वहां मौजूद नहीं था, बल्कि शुरुआती दवाई वहां के वार्डनों द्वारा दिया गया। जिसके बाद हरीश बाघ नाम के डॉक्टर अस्पताल पहुंचे औऱ बच्चे की बिना जांच किए उसे दवाई दिया, जिससे बच्चा नार्मल हो गया।

काफी देर तक बच्चा अच्छा से खेलता हंसता रहा, रात 12:30 के करीब पिता ने बच्चे को खाना भी खिलाया तब तक बच्चा बहुत नार्मल था लेकिन डॉक्टर हरीश बाघ ने उसे करीब रात एक बजे आकर बेरहमी से 5 से 6 इंजेक्शन लगा दिया। परिजनों द्वारा कहा गया कि आराम से लगाइये, लेकिन डॉक्टर साहब सुने नहीं और लगाते चले गए। जिसके बाद करीब 3 बजे इंजेक्शन का अधिक डोज होने की वजह बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने कहना है कि यहां रात में 200, 300 रुपए में भाड़े का डॉक्टर बुलाया जाता है। रात को अस्पताल प्रबंधन का कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहता है, वहीं डॉक्टर इस मौत को सही तरीके से बताने में नाकाम हो रहे है अपनी बातों को बार-बार बदल रहे हैं कभी कहते है बच्चे को हार्ट अटैक आया था कभी कहते है ज्यादा डोज देने की वजह से मौत हो गई।

बच्चे का बिना ब्लड चेक किये बिना इलाज कर दिया गया। पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों तरफ का बयान दर्ज कर रही है, बच्चे के पिता राजेश गुप्ता ने बातचीत में कहा कि इस मामले में डॉक्टर ने पूरी तरह से लापरवाही बरती है अस्पताल प्रबंधन की सूची में भी हरीश बाघ नाम के डॉक्टर का कोई नाम नहीं लिखा गया है यहां रात को भाड़े का डॉक्टर बुलाकर इलाज करवाया जाता है उन्होंने कहा कि अस्पताल के प्रबंधन के डॉक्टरों औऱ हरीश बाघ द्वारा मामले को रफादफा कर दबाने की बात की जा रही है। पिता का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को मौके पर बुलाए, जब तक वो नहीं आते है सड़क पर चक्काजाम किया जाएगा। बच्चे के परिजन इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहें हैं। वही अब स्वराज एक्सप्रेस में खबर चलने के बाद बाल आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया और वो परिजनों से बात कर रहे है तहसीलदार भी अस्पताल पहुँच गए है।