Nov 11, 2019
राम कुमार यादव : सरगुजा में गौठान संचालन को लेकर उठ रहे सवाल के बीच एक गौठान को वास्तव में आदर्श गौठान बनाने की कवायद तेज हो गई है और ये कवायद प्रशासन की तरफ से नहीं बल्कि जिले के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है। दरअसल गौठान के बेहतर संचालन के लिये आज गौठान पर आश्रित गांव वालो ने प्रतिदिन एक मुठ्ठी चावल के साथ ही श्रमदान करने की भी संकल्प लिया है।
एक सदस्य महीने में एक दिन गौठान में करेंगे श्रमदान
छत्तीसगढ प्रदेश के मुख्यमंत्री की गौठान योजना फंड और बदतर संचालन की वजह से धीरे धीरे बंद होने की कगार में नजर आ रही थी। लेकिन इसी बीच अम्बिकापुर से लगे सरगंवा गांव में संचालित गौठान को नई उर्जा देने का काम शुरु कर दिया गया है जिसके लिए गांव के कुछ कर्मठ युवाओं महिलाओं और सामाजिक संगठन के लोगों ने गांव वालों के साथ मिलकर गौठान के बेहतर संचालन का प्रण किया है जिसके तहत अब गौठान संचालन के लिए गौठान पर आश्रित गांव वाले अपने घर के चावल बैंक में प्रतिदिन एक मुठ्ठी चावल जमा करें और महीने मे उस चावल को गौठान संचालन के लिए दान करेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक घर से एक सदस्य महीने में एक दिन गौठान में श्रमदान करेगा।
सरगंवा स्थित गौठान में शुरू हुई ये परंपरा
इधर सामाजिक संगठन और गांव के सक्रिय लोगों की बदौलत सरगंवा स्थित गौठान में शुरु की गई इस परंपरा को लेकर गांव वालों में स्वाभाविक खुशी का महौल है और गांव की महिलाए एक मुट्ठी चावल दान को धार्मिक आस्था से जोडकर देख रही हैं। उनके मुताबिक गाय के लिए एक मुट्ठी चावल देने गाय का पेट भरेगा। जिससे घर में संपन्नता आएगी। गौरतलब है कि गौठान के लिए चावल दान के लिए आज गांव वालों को प्लास्टिक के बर्तन भी निशुल्क मुहैया कराए गए हैं।
प्रदेश की गौठानों के लिए मिशाल
गांव में इधर उधर चरने वाले मवेशियो को एक जगह पर बेहतर खाने पीने की व्यवस्था के साथ रखने के उद्देश्य़ से बनाई गई गौठान की खराब हालत को देखकर उठाया गया ये कदम निश्चित तौर पर प्रदेश की अन्य गौठानों के लिए मिशाल बन सकती हैं। बशर्ते लोगों मे ऐसा ही उत्साह बना रहे।