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ट्रांसपोर्टरों की कमी व सीसीबी अधिकारियों की लेटलतीफी के चलते किसानों को समय पर नहीं मिल रहा खाद

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Jul 6, 2019

रोहित कश्यप : मुंगेली जिला कृषि प्रधान होने के बावजूद किसानों को सुविधा देने एवं समस्याओं के निराकरण के लिये दूसरे दूसरे जिले पर निर्भर नज़र आता है। किसानों की रबी व खरीफ फसलों के उत्पादन लिए खाद एक अहम भूमिका निभाता है।

बता दें कि जिले भर के किसानों के लिए लगभग 16 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता पड़ती है। जबकि मुंगेली जिले में खाद गोदामों की क्षमता मात्र 86 सौ मीट्रिक टन ही है। इसके अलावा जिले के तीनों ब्लॉक में ट्रांस्पोटर के माध्यम से खाद पहुंचाने का जिम्मा ccb यानि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की  है लेकिन यहाँ ट्रांसपोर्टरों की कमी व ccb अधिकारियों के ढीलम ढाल मैनेजमेंट की वजह से किसानों तक खाद सही समय पर नही पहुंच पा रहा है। 

गौरतलब है कि जिसके चलते खाद के लिए मारा मारी व विवाद जैसी स्थिति से किसानों को दो चार होना पड़ रहा है। साथ ही किसानों की फसल भी सही समय पर खाद न मिलने पर प्रभावित हो रही है। इधर लगातार 2 वर्षों से कम वर्षा के कारण जिले के किसान का रुझान हाइब्रिड बीजो की तरफ है तो वहीँ कृषि जानकारों के अनुसार सही समय मे खाद डालने पर ही उत्पादन अच्छा होता है। खाद के भंडारण व उठाव के सम्बंध में डीएमओ गजेंद्र राठौर ने बताया कि जिले में खाद का भंडारण 70% तक कर लिया गया है। 

वहीं भण्डारण गोदामों से सोसाइटी तक खाद परिवहन उठाव की वजह से प्रभावित हो रही है जिसका प्रमुख कारण गोदामों की कम क्षमता व ट्रांस्पोटर की सही समय पर अनुपलब्धता। बता दें कि मुंगेली के लोरमी ब्लॉक में सबसे ज्यादा स्थिति गंभीर है क्योंकि यहाँ एक भी ट्रांसपोर्टर नही है जिससे खाद का उठाव बहुत धीमा है।