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गरियाबंद जिले में मतदान के दौरान दो गांव बने चर्चा का विषय, जानिए पूरी खबर

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Nov 21, 2018

पुरूषोत्तम पात्रा : गरियाबंद जिले में हुए दूसरे चरण के मतदान के दौरान दो गॉव चर्चा का विषय बन गये, एक परेवापाली और दूसरा अमली, परेवापाली के लोगो ने अधिकारियों द्वारा मनाने के बाद भी गॉव में बुनियादी सुविधाओं नही होने का हवाला देकर मतदान का बहिष्कार कर दिया, वहीं बीहड़ जंगल में रहने वाले अमली गॉव के लोग 8 किमी पैदल चलकर ये सोचकर वोट डालने पहुंचे कि एक ना एक दिन उनके गॉव में बुनियादी सुविधाएं जरुर पहुंचेगी, दोनो ही गॉव जिले की बिन्द्रानवागढ विधानसभा में शामिल है।

लाईन में चल रहे महिला और पुरुष गरियाबंद जिले की बिन्द्रानवागढ विधानसभा के अमली गॉव के है, और ये सब लोग अपने मत का उपयोग करने जा रहे है, ये सभी इसी तरह 8 किमी पैदल चलकर इंदागॉव पहुंचे जहॉ ये अपने मत का उपयोग करेंगे, लोग नाराज है और उनकी नाराजगी का कारण कि आजादी के 70 साल बाद भी उनके गॉव तक पहुंचने के लिए एक सडक तक नही है, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी भी अभी तक इस गॉव में नही पहुंचे, मगर फिर गॉव के लोग इस आशा से मतदान करने पहुंचे कि आज नही तो कल सरकार उनके गॉव में ये बुनियादी सुविधाएं जरुर पहुंचायेगी।

अब जरा ये दूसरी तस्वीरें देखिए, ये भी बिन्द्रानवागढ विधानसभा की ही है, मगर ये परेवाली की है, यहॉ के लोगो ने कल मतदान नही किया बल्कि गॉव के लोगो ने सामूहिक रुप से मतदान का बहिष्कार किया, इनको मनाने के लिए एसडीएम गॉव पहुंचकर घंटो नाक रगडते रहे मगर ये चुनाव के लिए तैयार नही हुए, बल्कि अपनी मांगे पुरी नही होने की स्थिति में इन लोगो ने आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की भी चेतावनी जारी कर दी, इनकी मांग है कि 15 साल से वे सडक की मांग कर रहे है जिसे यहॉ के जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से नही लिया और उनकी मांग पुरी नही हुयी, इसलिए अपनी नाराजगी जताने के लिए उन्होंने मतदान का बहिष्कार करना पडा।

देखने में दोनो गॉव की समस्याएं एक जैसी है, मगर इनको बंया करने का अंदाज दोनो गॉव के लोगो का बिल्कुल अलग है, एक विरोध जताकर अपनी समस्या सरकार तक पहुंचाना चाहते है और दुसरे अपनी जिम्मेदारी निभाकर सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने का संदेश दे रहे है, इनमें से किसका अंदाज सही है या फिर किसका अंदाज ये बताना तो मुश्किल है मगर दोनो गॉव के हालात को देखकर एक बात तो साफ है यहॉ के लोगो ने विकास की जिम्मेदारी जिन जिम्मेदारों को सौंपी थी उऩ्होंने अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नही निभायी जिसका खामियाजा अमली और परेवापाली जैसे गॉव के लोगो को भुगतना पड रहा है।