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एक ऐसा गांंव जहां नहीं पहुंची अभी तक बिजली, जानिए पूरी खबर

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Mar 6, 2018

कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लाक के अंतिम छोर में ग्राम पंचायत आलनार बसा है। इसके आश्रित गांव किलेनार व मंडानार में आजतक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे में ग्रामीणों की रातें लालटेन की रोशनी में कट रहीं हैं। ग्रामीण 41 साल से बिजली की मांग कर रहे हैं। संचार का कोई साधन नहीं होने के कारण ये नक्सल संवेदनशील गांव दुनिया से कटे हुए हैं। 

आलम यह है कि जब यहां के बच्चे पढ़ने गांव से बाहर आते हैं तब ग्रामीणों को बाहरी दुनिया की जानकारी होती है। ये बच्चे ही वापस गांव पहुंच ग्रामीणों को बताते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन हैं। बिजली की मांग को लेकर ग्रामीण सोमवार को एक बार फिर जिला कार्यालय पहुंचे। पंचायत मुख्यालय आलनार में तो बिजली है लेकिन यहां से 3 किमी दूर किलेनार व 4 किमी दूर मंडानार में बिजली नहीं पहुंची है। आज भी ग्रामीण चिमनी व लालटेन के सहारे जी रहे हैं। स्कूली बच्चों को पढ़ने में परेशानी होती है। जंगली इलाका होने के कारण जानवरों का खतरा भी बना रहता है। गांव में मिडिल स्कूल तक ही शिक्षा दी जाती है। वर्तमान में इन दोनों गांव के कुल 21 बच्चे सरंडी छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। 

9वीं का छात्र अमृतलाल उईके, सगऊराम मातलाम ने बताया गांव में ऐसे कोई साधन नहीं हैं, जिससे सरकार व उसकी योजनाओं की जानकारी हो। बच्चे गांव जाकर प्रधानमंत्री कौन है, मुख्यमंत्री कौन है इसकी जानकारी देते हैं। ग्रामीणों ने गांव में जल्द बिजली पहुंचाने की मांग की है ताकि वे भी बाहर की दुनिया से जुड़ सकें। ग्रामीणों ने बताया कि किलेनार व मंडानार में सिर्फ एक ही हैंडपंप है, जो गर्मी में साथ छोड़ देता है। इसके लिए भी कई बार ग्रामीण मांग कर चुके हैं। किलेनार प्राथमिक शाला में हैंडपंप नहीं होने से बच्चों को पेयजल के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।