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पश्चिम बंगाल में जारी सियासी हिंसा को देखते हुये बंगाल के गवर्नर ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

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Jun 13, 2019

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान और परिणाम के बाद भी पश्चिम बंगाल में सियासी हिंसा का दौर जारी है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच चुनावी जंग के साथ ही हिंसा भी चल रही है। इस बीच बंगाल के गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी ने राज्य की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

इस बैठक में टीएमसी, भाजपा, कांग्रेस के अतिरिक्त लेफ्ट और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां भी शामिल होंगी। ये बैठक राजभवन में गुरुवार शाम 4 बजे के आसपास आयोजित की जा सकती है। राज्यपाल का प्रयास है कि इस बैठक के माध्यम से राज्य में लगातार बिगड़ती जा रही राजनीतिक स्थिति दुरुस्त की जाए।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में पुलिस मुख्यालय का घेराव किया था। इस दौरान भाजपा ने सूबे की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। पुलिस की तरफ से भाजपा कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पानी की बौछारें भी मारी गईं। भाजपा का आरोप है कि पुलिस की इस कार्रवाई में उनके कई कार्यकर्ता जख्मी हो गए हैं। घायल होने वालों में भाजपा की महिला कार्यकर्ता भी शामिल हैं। भाजपा का ये विरोध प्रदर्शन बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व  में हुआ था।

पश्चिम बंगाल में ममता सेक्युलरवाद के नाम पर बांग्लादेशी मुसलमानों की खुशामद कर रही

शिवसेना के मुखपत्र सामना में बंगाल की सत्ता पर पकड़ खोने के लिए सूबे की सीएम ममता बनर्जी को जिम्मेदार करार दिया है। सामना मे लिखा है कि, पश्चिम बंगाल में जो हुआ उसके लिए ममता ‘गुजरात पैटर्न’ को जिम्मेदार बताती हैं। इसलिए गुजरात नहीं बनने देंगे, इसका क्या मतलब समझा जाए? कोलकाता तथा अन्य शहरों में जो गुजराती समाज है, उन्हें प्रदेश से बाहर निकालने की ये तैयारी है क्या? पीएम मोदी और अमित शाह गुजराती हैं, इसीलिए उनके बारे में इस तरह की भाषा का उपयोग करना उचित नहीं है। उनका कार्य करने का तरीका अलग है।

लेख में आगे लिखा गया है कि, पीएम मोदी अप्रत्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह खुले रूप से हिंदुत्व की भूमिका अपनाते हैं। पश्चिम बंगाल में ममता सेक्युलरवाद के नाम पर बांग्लादेशी मुसलमानों की खुशामद कर रही थीं। यह पैटर्न उन पर ही उलटा पड़ गया। इस खुशामद को चुनौती देने के लिए भाजपा ने ‘जय श्रीराम’ का नारा दिया और हिंदू समाज ने अपने घुटते दम को वापस खोल दिया। पश्चिम बंगाल में भाजपा के 18 सांसद चुनकर आए। यह गुजरात का हिंदुत्ववादी पैटर्न है।