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यूपी: खाकी का रौब दिखाकर पुलिस कर रही अवैध वसूली

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Jun 16, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुलिस पर लगाम कसने के लिए प्रदेश के अधिकारियों को भले ही कड़े निर्देश क्यों ना दे रहे हो लेकिन पुलिस है कि अपने रवैया में बदलाव लाने को तैयार नहीं और खाकी का रौब दिखाकर आए दिन अवैध वसूली करने से नहीं चूकते। जनपद कानपुर देहात में पुलिस के एक मामले ने पुलिस के द्वारा की जाने वाली अवैध धन उगाही की पोल खोल दी , ऐसा ही एक मामला जनपद के थाना मूसानगर क्षेत्र में देखने को मिला, जहां पुलिस खुलेआम ट्रकों से अवैध वसूली करवा कर रोजाना लाखों रुपए डकारने में लगी हैं और एक बड़े हादसे को न्योता देने का काम कर रही है। इस पूरे मामले में पुलिस के साथ pwd विभाग के कर्मचारी भी साथ देने में लगे हैं फिलहाल थाना प्रभारी ने क्षेत्र में होने वाली अवैध वसूली को सिरे से खारिज कर दिया। जबकि अवैध वसूली पुलिस की मिलीभगत से खुलेआम करीब 2 महीने से की जा रही है।

पूरा मामला 
पूरा मामला कानपुर देहात के थाना मूसानगर क्षेत्र के गांव सूरजपुर के पास का है जहां मोरम से भरे ओवरलोड ट्रकों से पुलिस की मिलीभगत से प्राइवेट लोगों से अवैध वसूली करवाई जा रही है जबकि जिला हमीरपुर और जनपद कानपुर देहात की सीमा पर स्थित मनकी घाट यमुना ब्रिज से होते हुए ओवरलोड ट्रक मूसानगर थाना क्षेत्र से गुजरते हैं इस रास्ते पर एक नाले का पुल ओवरलोड वाहनों के चलते क्षतिग्रस्त हो गया जिसको देखकर pwd विभाग ने भारी वाहनों का इस रोड पर प्रवेश वर्जित कर दिया और रोड के किनारे एक नोटिस बोर्ड भी लगा दिया लेकिन पुलिस ने इस रोड से गुजरने वाले ओवरलोड ट्रकों को रोकने की बजाय उनसे 500 और 1000 रुपए की अवैध वसूली करवा कर ट्रको को रोड पर निकलने की इंट्री दे दी।

हादसे की संभावना
लेकिन पुलिस ने अपनी धनवाही के चलते एक बार यह भी ना सोचा की अगर नाले का पुल टूटा तो कितना बड़ा हादसा हो सकता है नियम और हादसे की अनदेखी कर पुलिस करीब 5 लाख रुपया प्रतिदिन के हिसाब से अवैध धन उगाही करवाने में लगी है। इस पूरे मामले में रोड का मेंटेनेंस करने वाले कर्मचारियों की मिलीभगत संदिग्ध प्रतीत हो रही है क्योंकि pwd विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद भी पुलिस पर कोई विभागीय नोटिस जारी नहीं किया।

अवैध वसूली को लेकर ट्रक ड्राइवरों का क्या है कहना
अवैध वसूली को लेकर ट्रक ड्राइवरों से बात की गई तो ट्रक ड्राइवर पुलिस के खौफ के चलते कैमरे के सामने पुलिस के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं हुए, किसी तरह ट्रक ड्राइवरों की बातचीत को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया और ट्रक ड्राइवरों ने पुलिस के द्वारा की जा रही अवैध 
धन उगाही की पुष्टि कर दी और कई ड्राइवरों ने बताया कि इन रुपयों के एवज में हमको रोड पर आरटीओ, एसडीएम जैसे कई अधिकारियों के द्वारा की जाने वाली वाहन चेकिंग की लोकेशन भी पुलिस के द्वरा मिल जाती है और इस रोड पर ओवरलोड ट्रको की नो एंट्री होने के बावजूद भी गुजरने के लिए पुलिस के नाम का हम लोगों से पाच सौ और एक हजार रुपया लिया जाता है।

पूनिया ने अवैध वसूली को सिरे से किया खारिज
जब वसूली स्थल पर जाकर कवरेज करने की कोशिश की गई तो वहां पर अवैध वसूली कर रहे लोग मौके से भाग निकले और जब थाना प्रभारी भीमसेन पूनिया से अवैध वसूली को लेकर फोन से वार्ता की गई तो पूनिया साहब ने पर अवैध वसूली को सिरे से खारिज कर दिया और कहा की मेरे क्षेत्र में किसी भी प्रकार की वसूली नहीं होती जबकि वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार इन ट्रकों से वसूली की जा रही है फिलहाल पूरे मामले को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।

अवैध धन वसूली की पोल खुली खुलेआम
बहरहाल पूरे मामले ने पुलिस की कार्यशैली और अवैध धन वसूली की पोल खोल दी खुलेआम पुलिस की मिलीभगत से चल रही अवैध वसूली पर भी क्षेत्र के थाना प्रभारी भीमसेन पूनिया यह मानने को तैयार नहीं कि उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की वसूली हो रही है और बड़े साफ ढंग से झूठ बोल दिया की मेरे क्षेत्र में वसूली होती ही नहीं , जबकि इस वसूली में दो पुलिसकर्मी बिना वर्दी के मौके पर मौजूद थे, जैसे ही मीडिया ने मौके पर कवरेज करना शुरू किया वैसे ही दोनों सिपाही मौके से बीहड़ में भाग गए। अब ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है की खाकी का रौब दिखाकर पुलिस अपने रवैये में बदलाव लाने को तैयार नहीं और सरकार के मंसूबों को पलीता लगाने का काम करने में लगी है और मानक और नियमों को ताक पर रखकर सिर्फ और सिर्फ लाखों रुपए कमाने में लगी है अब देखना यह है कि प्रदेश के आला अधिकारी इन पुलिसकर्मियों पर क्या कार्यवाही करते नजर आते हैं।