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नहीं थम रहा पश्चिमी बंगाल में हिंसाओं का दौर, अब ममता को देना होगा जबाव

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Jun 16, 2019

लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा अभी तक थमी नहीं है। इस हिंसा की वजह से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच चुनावी हिंसा, राजनीतिक हिंसा और लोगों की हत्याओं की बढ़ती घटनाओं की तरफ संकेत करते हुए राज्‍य सरकार को एक अडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार ने कहा है कि बीते कुछ वर्षों में निरंतर हो रही हिंसा गंभीर चिंता का विषय है। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए ममता सरकार से पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

ममता सरकार कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने में रही नाकाम

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे मिली रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा की वारदातें वर्ष 2016 के 509 की तुलना में वर्ष 2018 में बढ़कर 1035 हो गई हैं। वर्ष 2019 में ही अब तक हिंसा की 773 वारदातें हो चुकी हैं। बंगाल में इस तरह की हिंसा में वर्ष 2016 में जहां 36 लोगों की मौत हुई थी वहीं वर्ष 2018 में मरने वालों की तादाद 96 पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से अब तक सियासी हिंसा को रोकने, उसकी जांच और दोषियों पर कार्यवाही करने के लिए क्‍या कदम उठाए गए हैं, इस संबंध में एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में निरंतर हो रही हिंसा गंभीर चिंता का विषय है। वर्ष 2019 में ही अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि साल 2016 से जारी हिंसा का यह ट्रेंड दर्शाता है कि राज्‍य की ममता सरकार कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने में नाकाम रही है।