Oct 8, 2018
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है जानकारी के लिए बता दें, 28 सितम्बर को कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया था कि इस मंदिर में अब महिलाएं भी प्रवेश कर सकती हैं लेकिन इसी के बाद इस पर फिर से सवाल उठ रहे हैं लेकिन अब अयप्पा के श्रद्धालु फिर से कोर्ट के खिलाफ आ गए हैं और इस पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं साथ ही इसके अलावा विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी ने भी एलडीएफ सरकार का खुलकर विरोध किया है।
इस फैसले पर विरोध करने वालों का कहना है अदालत ने जो फैसला दिया हो वो मान्य नहीं होगा क्योंकि हर धार्मिक स्थान की अपनी अलग परंपरा है जिसके लिए कानून के आदेश की जरूरत नहीं है इससे श्रद्धालु की भावना की थें पहुंचेगी। साफ़ देखा जा सकता है कि मंदिर के पुजारी और इस परंपरा से जुड़े लोग इस फैसले से बिलकुल भी खुश नहीं है। वहीं मंदिर के मुख्य पुजारी के. राजीवारू का कहना है कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वो चाहते हैं कि परंपरा और संस्कृति को जारी रखने की अनुमति दी जाए।
इस मामले पर फैसला अदालत की पांच सदस्यीय पीठ में से चार की सहमति और एक की असहमति के द्वारा लिया गया था और इस फैसले को ना मानने वाली न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा ने कहा था धार्मिक प्रथाओं को समानता के रूप नहीं परखा जा सकता। ये पूजा करने वाले पर निर्भर करता है उन्होंने कहा कि सभी भक्तों को उनकी मान्यताओं के आधार पर और उनके विश्वास का अनुसरण करने की मंजूरी देनी चाहिए।