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फिल्मों में मां के चरित्र को जीवंत बनाने वाली निरूपा राय : जन्मदिन विशेष

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Jan 4, 2018

निरूपा राय उर्फ कोकिला का जन्म 4 जनवरी 1931 को गुजरात के बलसाड में एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ। उनके पिता रेलवे में काम किया करते थे। निरूपा राय ने चौथी तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उनका विवाह मुंबई में कार्यरत राशभनग विभाग के कर्मचारी कमल राय से हो गया। शादी के बाद निरूपा राय मुंबई आ गई। उन्हीं दिनों निर्माता-निर्देशक बी.एम.व्यास अपनी नई फिल्म रनकदेवी के लिये नए चेहरों की तलाश कर रहे थे। कमल राय अपनी पत्नी को लेकर बी.एम.व्यास से मिलने गये और अभिनेता बनने की पेशकश की। लेकिन बी.एम.व्यास ने साफ कह दिया कि उनका व्यक्तित्व अभिनेता के लायक नही है। लेकिन यदि वह चाहें तो उनकी पत्नी को फिल्म में अभिनेत्री के रूप में काम मिल सकता है। फिल्म रनकदेवी में निरूपा राय 150 रुपये माह पर काम करने लगी लेकिन बाद में उन्हें इस फिल्म से अलग कर दिया गया। निरूपा राय ने अपने सिने कैरियर की शुरुआत 1946 में प्रदर्शित गुजराती फिल्म गणसुंदरी से की। वर्ष 1951 में निरूपा राय की एक और महत्वपूर्ण फिल्म हर हर महादेव प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में उन्होंने देवी पार्वती की भूमिका निभाई। फिल्म की सफलता के बाद वह दर्शकों के बीच देवी के रूप में प्रसिद्ध हो गयी। इसी दौरान उन्होंने फिल्म वीर भीमसेन में द्रौपदी का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। वर्ष 1953 में प्रदर्शित फिल्म दो बीघा जमीन निरूपा राय के सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुई। बेहतरीन अभिनय से सजी इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुयी। वर्ष 1955 में फिल्मिस्तान के बैनर तले बनी फिल्म मुनीम जी निरूपा राय की अहम फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में उन्होंने देवानंद की मां की भूमिका निभाई। फिल्म में अपने सशक्त अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी वर्ष 1961 में प्रदर्शित फिल्म छाया में उन्होंने एक बार फिर मां की भूमिका निभाई। इसमें वह आशा पारेख की मां बनी। फिल्म में भी उनके जबरदस्त अभिनय को देखते हुये उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म दीवार निरूपा राय के कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने अच्छाई और बुराई का प्रतिनिधत्व करने वाले शशि कपूर और अमिताभ बच्चन के मां की भूमिका निभाई। फिल्म में उन्होंने अपने स्वाभाविक अभिनय से मां के चरित्र को जीवंत कर दिया। निरूपा राय के सिने कैरियर पर नजर डालने पर पता चलता है कि सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की मां के रूप में उनकी भूमिका अत्यंत प्रभावशाली रही है। उन्होंने सर्वप्रथम फिल्म दीवार में अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई।