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जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए: जगजीत सिंह जन्मदिन विशेष

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Feb 8, 2018

जगजीत सिंह एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किए जाते हैं जिन्होंने अपनी गजल गायकी से लगभग चार दशक तक श्रोताओं को अपनी गजल का दीवाना बना दिया। आज ही के दिन यानि आठ फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह के बचपन का नाम जगमोहन था लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने अपना नाम परिवर्तित कर लिया। बचपन से ही संगीतप्रेमी ​होने के कारण उन्होेंने संगीत की शिक्षा उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की।

पार्श्वगायक बनने की ख्वाहिश
पार्श्वगायक बनने की तमन्ना लिये जगजीत को मुंबई ले आए। शुरूआती दौर में उन्हें विज्ञापन फिल्मों के लिये गजल गाने का अवसर मिला। इस दौरान उनकी मुलाकात पाश्र्वगायिका चित्रा दत्ता से हुई। वर्ष 1969 में जगजीत ने चित्रा से शादी कर ली। इसके बाद जगजीत-चित्रा की जोड़ी ने कई अलबमों में अपने जादुई पाश्र्वगायन से श्रोताओं को अपना दीवाना बना दिया।

पद्म भूषण से हुए सम्मानित
वर्ष 2003 में जगजीत सिंह को भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। अपनी गायकी से श्रोताओं के बीच अमिट छाप छोडऩे वाले जगजीत सिंह ने 10 अक्टूबर 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

सुपरहिट गाने
जगजीत सिंह के गाये सुपरहिट गाने , होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो, झुकी झुकी सी नजर, तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो, तुमको देखा ता ये ख्याल आया, तेरा घर ये मेरा घर, चिट्ठी ना कोई संदेश, होश वालो को खबर क्या आदि ऐसी गजलें हैं। जिन्हें सुनते ही श्रोता आज भी मंत्रमुग्ध हो जाते है।