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किसानों को मनाने के लिए शिवराज का उपवास, कांग्रेस ने बताया- 'नौटंकी'

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Jun 10, 2017

भोपाल। मध्य प्रदेश में हिंसक किसान आंदोलन को लेकर चौतरफा से घिरे मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल के भेल दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन का उपवास शुरू कर दिया हैं। इस उपवास का मकसद किसानों एवं जनता से चर्चा करके शांति बहाली स्‍थापित करना है। शुक्रवार को अपने सरकारी निवास पर एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में उन्हाेंने कहा, मैं पत्थर दिल नहीं हूं। शांति बहाली के लिए मैंने फैसला किया है कि कल से मैं वल्लभ भवन (मंत्रालय) में नहीं बैठूंगा। मैं भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर पूर्वाह्न 11ः00 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा। तब तक बैठूंगा, जब तक शांति बहाल न हो जाए।

'बच्चों के हाथ में थमाएं पत्थर'
उन्होंने कहा, मैं भोपाल में दशहरा मैदान में किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा के लिए उपलब्ध रहूंगा। वहीं से सरकार चलाऊंगा। मुख्‍यमंत्री ने किसानों से अपना आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा, आप कहीं मत जाओ, चर्चा के लिए आओ। सभी समस्याओं को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। यही लोकतंत्र का तरीका है। उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने 18 से 22 साल के बच्चों के हाथ में पत्थर थमाने का काम किया है। कई जगह चक्काजाम की स्थिति होती है और वे (बच्चे) नजर आते हैं। मुझे तकलीफ इस बात से होती है कि पत्थर वाले हाथ भी अपने बच्चों के हैं और उनको नेतृत्व देने वाला तंत्र भी अपना है।

वहीं, शिवराज के दशहरा मैदान से सरकार चलाने के ऐलान पर विपक्ष ने उन पर करारा हमला बोला है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, किसान की समस्या का समाधान करने के बजाय एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री नौटंकी पर उतर आए हैं। जबकि सच्चाई यह है कि वह मूल मुद्दे से ध्यान हटाने के सस्ते हथकंडे पर उतर आए हैं। माकपा के राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा, किसानों की हत्या के बाद भी उन्हें अपशब्द कहने वाली सरकार के मुख्यमंत्री का 'शांति बहाली' के नाम पर उपवास का ऐलान एक शुद्ध राजनीतिक पाखंड है। पीड़ित, आंदोलित और शोक संतप्त परिवारों के घावों पर नमक छिड़कना है। यह तो ठीक वैसा ही है 'करें गली में कत्ल बैठ चौराहे पर रोएं।