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छात्रसंघ चुनाव की जारी हुई गाइडलाइन, छात्र नेता लेंगे कोर्ट की शरण

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Oct 22, 2017

भोपाल : छात्रसंघ चुनाव के लिए सरकार ने इस बार कड़ी गाइड लाइन जारी की है। प्रचार के लिए होर्डिंग-बैनर की बात तो दूर छात्र पर्चे तक नहीं छपा सकेंगे। इतना ही नहीं, कम्प्यूटर से निकले प्रिंट आउट बांटना भी चुनाव की आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। छात्रसंघ चुनाव की इस गाइड लाइन को लेकर एनएसयूआई ने कोर्ट जाने का फैसला किया है, तो एबीवीपी सरकार को ज्ञापन देने जा रही है।

छात्रसंघ चुनाव की मांग पूरी होने के बाद अब छात्र संगठन चुनाव की गाइड लाइन को लेकर छात्र नेता सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। एनएसयूआई सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव की गाइड लाइन को चुनौती देने जा रही है। संगठन गाइड लाइन बदलने के साथ निजी कॉलेजों में भी चुनाव कराने की मांग करेगा।

चुनाव को लेकर ऐसे-ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिनको लेकर छात्र संगठनों में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। चुनाव में नियम के तहद छात्र प्रचार के लिए किसी भी तरह की छपी हुई सामग्री या कम्प्यूटर से निकले प्रिंटआउट उपयोग नहीं कर सकेंगे।

प्रचार के लिए हाथ से बने पोस्टर या पर्चे ही मान्य किए जाएंगे। चुनाव लड़ने वाले छात्र अधिकतम पांच हजार रुपए खर्च कर सकेंगे। छात्रों को चुनाव खर्चे का ब्यौरा भी देना होगा। प्रचार के लिए लाउड स्पीकर या वाहन का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। दीवारों पर वॉल पेंटिंग या पर्चे चिपकाने के लिए अनुमति लेनी होगी।

कॉलेजों से 500 की परिधि में न जुलूस निकाल सकेंगे और न ही सभा कर सकेंगे। मतदान के दौरान कैंपस में स्मार्ट वॉच पहनने तक पर प्रतिबंध रहेगा। सोमवार को चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही इस गाइड लाइन पर अमल शुरू हो जाएगा। हालांकि एबीवीपी संगठन ज्ञापन देकर ऐसे नियमों में राहत देने की मांग करेगा।

दरअसल सरकार का तर्क है कि इस कड़ी गाइड लाइन से छात्रसंघ चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सकेंगे और सरकार की तैयारी है कि सोमवार को ऑफिस खुलते ही कड़े नियमों वाली ये आचार संहिता लागू भी कर दी जाए, लेकिन छात्र संगठनों को उम्मीद है कि सरकार को ज्ञापन और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से उन्हें चुनाव में इस कड़ी गाइड लाइन से राहत मिल सकती है।