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जीरो टॉलरेंस का दावा झूठा, मप्र के 26 IAS पर चल रही जांच

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Sep 5, 2017

भोपाल : भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का दावा करती मध्यप्रदेश सरकार का सच अब किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर प्रदेश के अधिकांश बड़े पदों पर, ऐसे आईएएस अधिकारी बैठे हैं, जिन के खिलाफ एंटी करप्शन एजेंसी लोकायुक्त में भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। लोकायुक्त संगठन के आंकड़ों के मुताबिक 26 आईएएस अफसरों के साथ ही दो मंत्रियों, एक पूर्व मंत्री सहित 2 हजार 7 सौ नेता और अफसर भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे हैं। नौकरशाहों पर भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है।  

आंकड़ों के मुताबिक आईएएस अफसरों में मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, राकेश श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मनोहर अगनानी, एम.के.सिंह, प्रवीण गर्ग, प्रवीण कृष्ण, शिखा दुबे, अजीत केसरी, विवेक पोरवाल, नरेश पाल, बसंत कुर्रे, संतोष मिश्रा, एस.एस.कुमरे, अरुण पांडे, विशेष गढ़पाले, आकाश त्रिपाठी, अखिलेश त्रिपाठी, सभाजीत यादव, विकास नरवाल, रमेश थेटे, पीएल सोलंकी शामिल हैं. इनके खिलाफ पद का दुरुपयोग कर लाभ पहुंचाने, अनियमितता बरतने के अलावा दवा खरीदी, किसानों की जमीन हड़पने से लेकर मंदिर की जमीन बेचने तक के मामलों की जांच चल रही है।