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डॉक्टर की लापरवाही ने ली बच्चे की जान

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Oct 9, 2017

मंदसौर : कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता हैं, लेकिन जब डॉक्टर ही लापरवाह हो जाए तो मरीज भले कहा जाए। ऐसा ही एक मामला मंदसौर के जिला चिकित्सालय में सामने आया हैं। यहां डॉक्टर की लापरवाही ने एक 18 महीने बच्चे की जान ले ली।

बच्चे को शनिवार के दिन बिच्छू ने काट लिया था, लेकिन डॉक्टरों द्वारा इधर से उधर रेफर करने के चक्कर में उसे इलाज नहीं मिल पाया। जब मंदसौर चिकित्सालय से इंदौर रेफर किया गया, तो इसकी सूचना भी परिजनों को नहीं दी गई।

इसी पर परिजनों का यह भी आरोप हैं कि रात में बच्चे के ज्यादा रोने के बाद जब नर्स को यह जानकारी दी गई, तो नर्स ने उसे लगी हुई बोतल निकाल कर उसे इंजेक्शन लगा दिया। जिसके बाद बच्चा सो गया और फिर वापस नहीं उठा। 

सीतामऊ तहसील के रहने वाले बच्चे को जब बिच्छू ने काटा, तो पूर्व में उसे सीतामऊ चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। जहां से उसे मंदसौर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। दिन भर चले इलाज के बाद रात्रि में करीब 8 बजे जिला चिकित्सालय के डॉक्टर ने उसे इंदौर रेफर कर दिया, परंतु इसकी सूचना परिजनों को रात को 12 बजे दी गई।

वो भी तब जब बच्चे के पिता नर्स के पास बच्चे को हो रही बेचैनी की बात करने गया। उस वक्त तक बच्चे की सांस चल रही थी, लेकिन नर्स द्वारा आकर उसे लगी हुई बोतल निकाल कर उसे एक इंजेक्शन दिया गया। जिसके बाद बच्चा सो गया, किन्तु दोबारा नहीं उठा।

जब सुबह परिजनों ने घबराहट से नर्स को बताया, तो उन्होंने बच्चे को कुछ ना होने की बात कही। जिसके बाद परिजनों को बच्चे की मौत की जानकारी लग गई और उन्होंने चिकित्सालय में हंगामा खड़ा कर, चिकित्सालय के मेन गेट पर जाम लगा दिया।

मामले में पुलिस व एसडीएम के पहुंचने के बाद परिजनों को शांत किया गया। एसडीएम द्वारा बताया गया कि इसमें सात दिनों के भीतर परिजनों को प्रशासन द्वारा मदद दी जाएगी। वहीं पुलिस ने भी मामले में परिजनों के बयानों के आधार पर जांच करने की बात कही हैं। 

पूरे मामले में आगे कुछ भी कार्यवाई हो, परंतु एक माता-पिता ने अपनी इकलौती संतान को खो दिया हैं। बच्चे की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हैं। वहीं जिला चिकित्सालय ऐसी लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि मामले में सिविल सर्जन ने जांच के बाद ही कार्यवाई करने की बात कह रहे हैं।