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नकली नोट का सरगना गिरफ्तार, ऑर्डर पर गुजरात भेजने की थी तैयारी

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Oct 31, 2017

इंदौर : ऑर्डर पर नकली नोट छापने वाले गिरोह के सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया हैं कि उसको 10 लाख रुपए के नकली नोट छापने का ऑर्डर मिला था। जल्दी ही नकली नोट की इस खेप को गुजरात पहुंचाया जाना था, लेकिन उसके पहले ही पहली पत्नी की सूचना पर पुलिस नें मुख्य आरोपी समेत पूरे गिरोह को पकड़ लिया हैं। यहीं नहीं व्यापार में मुनाफे के चलते आरोपी गुजरात में अपनी दूसरी ब्रांच खोलने की तैयारी में था।

इंदौर क्राईम ब्रांच और एमआईजी पुलिस ने एक दिन पहले नकली नोट छापने वाले गिरोह के सरगना नरेश पवार व चार अन्य आरोपियों को 2 लाख 60 हजार नकली नोट के साथ पीथमपुर से गिरफ्तार किया था।

पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया हैं कि नकली नोट छापने का काम आरोपी ने पहली बार वर्ष 2005 में शुरू किया था। आरोपी पहले एक निजी बैंक में काम कर चुका हैं। वहीं से आरोपी को नकली नोट छापने का आईडिया आया था।

बाद में आरोपी ने मजाक-मजाक में दोस्त की दुकान पर असली नोट की फोटो कॉपी की थी। काम सरल होने के कारण बाद में बड़े पैमाने पर नोट छापने लगा। आरोपी मुंबई से नोट छापने वाला पेपर और इंक लाता था।  

पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया हैं कि उसने अब तक 10 लाख रुपए के नकली नोट छाप चुके हैं। 100, 500 और 2 हजार रुपए के नकली नोट छाप कर गुजरात सहित मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर खपा चुका हैं।

पुलिस की माने तो वर्ष 2014 में जेल से छूटने के बाद आरोपी का अपनी पहली पत्नी रूपाली से विवाद हो गया था। जिसके बाद आरोपी ने पीथमपुर में अनीता नाम की दूसरी युवती से शादी करके वहीं बस गया था।

आरोपी ने किराए के ही मकान में नकली नोट छापने का कारखाना खोल लिया था। पहली पत्नी से विवाद के कारण रुपाली ने भी नकली नोट छापने की सूचना पुलिस को दी थी। जिसके बाद आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया था।

पुलिस की माने तो गिरोह का मास्टरमाइंड नरेश की पहचान जेल में बाकी आरोपियों से हुई थी। इन्हीं लोगों के जरिए गुजरात के सूरत शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर धनराज से संपर्क हुआ था। अभिषेक और धनराज के कहने पर आरोपी नरेश ने चार लाख के नकली नोट छाप कर बेचे थे। आरोपी नरेश ढाई गुना ज्यादा असली रकम लेकर फेक करंसी छापकर आर्डर पर बनाता था।

आरोपी ने कबूल किया है वो एक दिन में 10 लाख रुपए के नकली नोट छाप सकता हैं। सप्लाई के मुताबिक आर्डर पर रुपए छापते थे। आरोपी का पांच दिनों का रिमांड लिया गया हैं। आरोपी के नेटवर्क इंदौर समेत उज्जैन और गुजरात में फैला हुआ हैं। गिरोह का नेटवर्क खंगालने के लिए अलग-अलग टीम लगाई गई हैं।