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खुलासा : अपके घर की LED बल्ब नकली तो नहीं..

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Oct 31, 2017

नई दिल्ली : नीलसन के एक रिर्पोट में खुलासा हुआ है कि बाजार में उपलब्ध लगभग 76 फीसदी एलईडी बल्ब के 71 फीसदी ब्रांडो ने उपभोक्ता सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया हैं। ये मानक भारतीय मानक ब्यूरों (बीआईसी) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय ने तैयार किया हैं।

इलेक्ट्रिक लैंप एंड कंपोनेंट मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (एलकोमा) के मुताबिक, इन मानकों के उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली में आएं हैं। एलकोमा ने कहा है कि ये प्रोडक्ट्स ग्राहकों के लिए गंभीर रूप से खतरना हैं। वहीं इसके साथ ही इनके कारोबार से सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा हैं। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि इन एलईडी प्रोडक्ट्स की बिक्री भी गैर-कानूनी तरीके से हो रही हैं।

अगर आप भी अपने घर पर एलईडी बल्ब का प्रयोग करते हैं तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि बाजार में उपलब्ध लगभग 76 फीसदी एलईडी बल्ब उपभोक्ता सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते पाए गए हैं। ये खुलासा नीलसन के एक रिर्पोट में हुआ हैं। इस सर्वे में ये भी पाया गया कि लगभग 48 फीसदी प्रोडक्ट्स पर उसे बनाने वाली कंपनी के पते का जिक्र नहीं किया गया हैं। वहीं 31 फीसदी प्रोडक्ट्स में उसे बनाने वाले कंपनी का नाम तक नहीं दिया गया हैं। इससे से ये तो जाहिर हो जा रहा है इन प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग गैर-कानूनी ढंग से हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ल के बाजारों में उपलब्ध लगभग एक चौथाई ब्रांड बीआईएस के मानकों के अनुरूप नहीं हैं। एलईडी डाउनलाईटर्स के मामले में भी यही बात सामने आई हैं। मौजूदा समय में देश में तकरीबन 10 हजार करोड़ का कारोबार हैं, पूरे बाजार में इनकी हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी हैं।

सरकार ने उजाला स्कीम के तहत देशभर में 77 करोड़ एलईडी बल्बों का इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा हैं। अब इसके बाद से उर्जा दक्षता ब्यूरों ने एलईडी बल्बों की स्टार रेटिंग को अनिवार्य कर दिया हैं। इससे यह पक्का हो जाए की ग्राहकों तक बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट पहुंच सकें। लेकिन इसके बावजूद भी देशभर में एलईडी का काला कारोबार अपने चरम पर हैैं।