Mar 23, 2017
भोपाल। मध्यप्रदेश में राजस्व वित्तीय प्रबंधन प्रणाली में राज्य सरकार द्वारा सभी प्रकार के भुगतान कैशलेस माध्यम से किये जा रहे हैं। प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों का 70 प्रतिशत हिस्सा कैशलेस तरीके से प्राप्त हो रहा है। केन्द्र सरकार की मंशानुसार प्रदेश में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएँ जैसे आय, जाति और जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि सेवाओं के लिये लोक सेवा केन्द्रों पर ली जाने वाली फीस को कैशलेस माध्यम से लेने की सुविधा दिलवायी गई है। प्रदेश में वित्तीय साक्षरता लाने के लिये ग्रामीणों को ग्राम सभा के माध्यम से विशेष ट्रेनिंग दी गई है।
इसके साथ ही मंत्रियों, विधायकों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों अधिकारियों-कर्मचारियों को भी कैशलेस ट्रांजेक्शन की विशेष ट्रेनिंग दी जा चुकी है। प्रदेश में रोजमर्रा की खरीदी को कैशलेस बनाने के लिये व्यापारियों को पीओएस मशीन सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिये वेट टैक्स पर छूट प्रदान की गई है। इसके साथ ही मर्चेंट एग्रीमेंट पर देय स्टॉप शुल्क में भी छूट दी गई है। राज्य में केन्द्रीकृत वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली का विकास किया जा रहा है। इससे जन सेवा से जुड़े हुए कार्य ऑनलाइन और पेपरलेस हो जायेंगे। प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली से लगभग 8 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ होगा। अब उनके दावों एवं प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में तेजी से किया जा सकेगा।