Mar 24, 2017
भोपाल। अमिताभ बच्चन की फिल्म 'पा' से सुखियों में आई लाइलाज बीमारी 'प्रोजेरिया' से जबलपुर का श्रेयस बारमाटे भी पीडि़त है। दस साल की उम्र में ही बुजुर्ग दिखने वाले श्रेयस की इस बीमारी का कहीं इलाज नहीं। जीवन के इस पड़ाव में उसे जो खुशी शुक्रवार को मिली, वो शायद वो कभी भुला नहीं पाएगा। दरअसल मध्यप्रदेश के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने श्रेयस को एक दिन का अध्यक्ष बनाया। भोपाल के समन्वय भवन में हुए कार्यक्रम में श्रेयस बतौर बाल आयोग के अध्यक्ष के रूप में शामिल हुआ। वह लाल बत्ती की गाड़ी से समन्वय पहुंचा और यहां आयोग के सभी सदस्यों ने श्रेयस का हाथ जोड़कर स्वागत किया। नाच-गाने का शौकीन श्रेयस, अपनी नई भूमिका को लेकर भारी उत्साहित है।
यह कुदरत का करिश्मा ही है कि श्रेयस के साथ पैदा हुआ उसका जुड़वा भाई सिद्धांत पूरी तरह सामान्य है। उसमें इस रोग के कोई लक्षण नहीं। अमिताभ बच्चन की फिल्म में इस बीमारी एवं रोगी की मानसिकता का जीवंत चित्रण देख श्रेयस 'बिग बी' का फेन हो गया है। यह फिल्म देखने के बाद उसमें अमिताभ से मिलने की व्याकुलता बढ़ गई है।
समन्वय भवन में हुई बाल आयोग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला में श्रेयस ने गाना गाकर सबका मन मोह लिया। आयोग के वर्तमान अध्यक्ष डॉ राघवेन्द्र ने बताया कि हमने श्रेयस को भोपाल बुलाया था। हम उसे एक अद्भुत खुशी देना चाहते थे। हमारी मांग श्रेयस ने मानी और वह कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में श्रेयस को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया। यहां पर श्रेयस ने गाना भी गाया और डांस करके सबको आश्चर्यचकित किया। जबलपुर के ब्राइट कान्वेंट स्कूल में अपने जुड़वा भाई सिद्धांत के साथ पांचवीं कक्षा का छात्र पढ़ रहे श्रेयस का व्यवहार सामान्य रहता है लेकिन कभी-कभार बच्चों द्वारा चिढ़ाने अथवा उसकी टोपी खींचने पर वह गुस्सा भी हो जाता है। प्रिंसपल से शिकायत भी कर देता है। रोज स्कूल जाता है, पढऩे में काफी रुचि लेता है