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ब्लू व्हेल चैलेंज में फंसा छात्र, DIG से मांगी मदद

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Sep 1, 2017

इंदौर : कई लोगों की जान जाने के बावजूद ब्लू व्हेल चैलेंज गेम का खुमार स्कूली छात्रों के सिर से उतरने का नाम नहीं ले रहा हैं। इंदौर में भी इस तरह के 2 मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन ताजा मामले में ब्लू व्हेल चेलेंज में फंसे हुए एक छात्र ने कॉल कर इंदौर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र से मदद मांगी। खास बात यह हैं कि डीआईजी को कॉल करने वाला छात्र इंदौर का नहीं बल्कि हजारों किलोमीटर दूर विशाखापट्टनम का रहने वाला हैं।

ब्लू व्हेल चेलेंज की शुरूआत 2013 में रशिया से की गई हैं। इसे बनाने वाला अभी जेल में हैं, लेकिन उसके बाद भी यह चेलेंज लगातार जारी हैं। दुनिया में अब तक इसकी वजह से 250 से अधिक युवा अपनी जान दे चुके हैं। इंदौर में भी नौवी और ग्याहरवी कक्षा के 2 छात्र इस गेम के चलते अपनी जान देने वाले थे, लेकिन उन्हें बचा लिया गया। अब एक ऐसा मामला सामने आया हैं, जिसमें एक छात्र ने हजारों किलोमीटर दूर विशाखापट्टनम से इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र को कॉल कर अपने आप को ब्लू व्हेल चेलेंज में फंसे होने की बात बताई।

दरअसल छात्र को इंटरनेट पर इंदौर पुलिस की संजीवनी हेल्पलाइन की मदद से डीआईजी मिश्र का नंबर मिला। इसके बाद उसने डीआईजी मिश्र को कॉल कर अपनी समस्या बताई। छात्र की समस्या सुनते ही इसे गंभीरता से लेते हुए डीआईजी मिश्र ने छात्र को समझाइश दी और उसे तुरंत इससे दूर होने की सलाह दी। उसे इस कदर समझाइश दी गई हैं कि वह अब इस चेलेंज से दूर हो गया हैं।

पुलिस के मुताबिक ब्लू व्हेल चेलेंज में फंसने वाले युवा अधिकतर 12-17 वर्ष उम्र के हैं। ये बच्चे सामान्य तौर पर अकेले होते हैं, इनके माता-पिता या तो काम पर होते हैं या वो अपने बच्चों को पूरा समय नहीं देते हैं। इनके आलावा पढाई से परेशान रहने वाले बच्चे भी इसकी चपेट में आते हैं। ऐसे में आवश्यकता हैं अभिभावकों का अपने बच्चों पर नजर रखने और उनका ध्यान रखने के साथ दरकार हैं उनकी समस्याओं को समझने की।