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मध्य प्रदेश में बढ़ी सूखा प्रभावित जिलों की संख्या

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Jan 5, 2018

मुरैना। बीते दो सालो में मध्य प्रदेश में सूखा प्रभावित जिलों की संख्या बढ़ी है, उनमें से मुरैना भी एक है, आमतौर पर गर्मियों के मौसम में मुरैना के दो दर्जन से अधिक गाँव पानी की भीषण समस्या से जूझते थे जिनमे पहाड़गढ़ के कुछ गाँवों के लोग पानी न मिलने की स्थिति में पलायन भी कर जाते थे। लेकिन अब स्तिथियाँ और भी विपरीत हो गए है। अब सर्दियों के मौसम में भी कई गाँवों पानी से समस्या से जूझ रहे है और लोग पलायन कर रहे है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश में पहली बार किसी जिले में एक साथ 300 तालाब खोदे जाने का काम मुरैना जिले में शुरू किया जा रहा है। लगभग चार महीने में तालाब खुदाई पूरे होने लक्ष्य रखा गया है। यानि इस बारिश जल संकट से लड़ने के लिए तैयार हो जाएगा। इन तालाबों के बन जाने से प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगभग आठ महीने तक बारिश के पानी को जमा किया जा सकेगा। जिले में 18 हजार से अधिक बोर और ग्रामीण इलाको के हेण्डपम्प गर्मियों में वाटर लेवल नीचा हो जाने से पानी देना छोड़ देते है जिले भर में 65 ग्राम पंचायते ऐसी है जिनमे टेंकर से पानी सप्लाई करना पड़ा। पहाडग़ढ़ और रामपुर इलाके में पानी और चारा न होने से कई गाँवों के लोग इन सर्दियों में पलायन कर गए है। कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने बताया कि मुरैना जिले कुल 325 ग्राम पंचायते ऐसी है जहाँ तालाब नहीं है अभी ग्राम पंचायत स्तर अपर इनमे तालाब खोदने का प्लान किया है अगले दो सप्ताह में जगह चिन्हित कर काम शुरू किया जाएगा। इन तालाबों के निर्माण में स्थानीय लोगो की मदद भी ली जायेगी चाहे वो श्रमदान के रूप में हो आर्थिक मदद के रूप में साथ ही जिन ग्राम पचायतों में पहले से तालाब है उनमे जरुरत अनुसार काम किया जाएगा।