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शासकीय अस्पतालों में बुखार रोगियों के लिये जांच-उपचार सुविधा नि:शुल्क

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Aug 5, 2017

भोपाल : स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरती जा रही सतर्कता के चलते प्रदेश में इस वर्ष जुलाई 2017 तक पिछले वर्ष की अपेक्षा मलेरिया रोगियों की संख्या में 22 प्रतिशत और फेल्सीफेरम मलेरिया रोगी संख्या में 47 प्रतिशत कमी आई है। मलेरिया अतिप्रभावित 31 जिलों में कीटनाशी दवाओं का छिड़काव किया गया। साथ ही 13 जिलों के लगभग 25 लाखा लोगों को मेडिकेटेड मच्छरदानी का नि:शुल्क वितरण कर बचाव किया गया। यह जानकारी आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रामक रोगों की दैनिक समीक्षा के दौरान दी गई।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रूस्तम सिंह ने लोगों से कहा है कि बुखार आने पर तुरंत खून की जाँच करवायें। मलेरिया पाये जाने पर लापरवाही न बरतें, पूर्ण उपचार करवायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में सभी बुखार के रोगियों की जाँच एवं उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था है। उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों तक रेपिड डॉयग्नोस्टिक टेस्ट किट्स से मलेरिया की जाँच की जा रही है। मलेरिया पाये जाने पर फेल्सीफेरम रोगी को तीन दिन का पूर्ण उपचार और वायवेक्स मलेरिया पाये जाने पर 14 दिन का पूर्ण उपचार नि:शुल्क उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है।

मलेरिया से बचाव के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष प्रबंध किये गये हैं। आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया के लक्षण जैसे ठंड देकर बुखार आना, पसीना देकर बुखार उतरना, कंपकंपी आना, जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द इत्यादि के साथ बचाव का प्रशिक्षण दिया गया है। लोगों को जागरूक करने के साथ समय-समय पर कीटनाशी दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

मंत्री रूस्तम ने लोगों से अपील की है कि सोते समय मच्छदानी का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, एकत्र पानी की निकासी करें। जहाँ पानी की निकासी संभव न हो ऐसे गढ्ढों में जला हुआ आइल या मिट्टी का तेल डालें। इससे मच्छर का लार्वा नष्ट हो जायेगा। गर्भवती महिलाओं को बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर उपचार अवश्य करवायें। प्रदेश में 4 अगस्त को डेंगू के 9 टेस्ट हुए जिसमें होशंगाबाद का एक मरीज प्रभावित पाया गया। चिकनगुनिया और स्वाईन फ्लू एक-एक नमूना परीक्षण के लिये भेजा गया। स्वाईन फ्लू की 2 टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी हैं, दोनों ही मरीज भोपाल के हैं।