Oct 1, 2017
जबलपुर : मुहर्रम की दसवीं तारीख पर शिया समुदाय ने मातमी जुलूस निकाला। इस जुलूस में शामिल बच्चों से लेकर बड़े तक खुद पर लोहे की चैनों से प्रहार कर रहे थे।
इस मातमी जुलूस में शामिल कई लोग लहुलुहान हो गए। अकीदतमंदों का कहना था कि यह मातमी जुलूस जुल्म के खिलाफ निकाला जाता है। इस्लाम में आतंक के लिये कोई जगह नहीं और वह मानवता का संदेश देता है।
शहीदे करबला हजरत इमाम अली मुकाम की याद में सड़कों पर उतरे शिया समुदाय के लोगों ने मातम मनाया। मुहर्रम की दसवीं तारीख पर शिया समुदाय ने परंपरा के मुताबिक मातमी जुलूस निकाला। मातम मनाने में बड़ों के साथ बच्चे भी शामिल हुए।