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स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर परिवहन विभाग सख्त

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Oct 11, 2017

इंदौर : स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए अब परिवहन विभाग ने बस स्टाफ की पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया हैं। अब तक जहां बस स्टाफ को अपने नजदीकी थाने से वेरिफिकेशन रिपोर्ट देनी होती थी, वहीं अब यह रिपोर्ट नजदीकी थाने के बजाए पुलिस हेडक्वार्टर से लाकर देना होगी।

इससे स्टाफ के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी प्रदेश स्तर पर मिल सकेगी। परिवहन विभाग ने इस संबंध में शहर के स्कूलों को निर्देश देना भी शुरू कर दिया हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक यह बात सामने आ रही थी कि स्कूल स्टाफ से जो पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाता हैं, वह उस थाने से करवाया जाता हैं, जहां वह रहता हैं, लेकिन इसमें यह बात की भी संभावना होती हैं कि उसके गृह थाने के अलावा किसी अन्य थाने में उसने कोई अपराध किया हो, तो उसकी जानकारी इस तरह से नहीं मिल पाती हैं।

इसलिए पुलिस हेड क्वार्टर भोपाल से वेरिफिकेशन के निर्देश दिए जाते हैं। इसके तहत डीआईजी ऑफिस में आवेदन करना होता हैं, जहां से पीएचक्यू को आवेदन भेजा जाता हैं। जहां से सभी थाने से रिकार्ड बुलवाने के बाद फाइनल रिपोर्ट जारी की जाती हैं। 

इसमें समय जरूर ज्यादा लगता हैं, लेकिन प्रदेश के सभी थानों से जानकारी मिलने से ज्यादा बेहतर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पुलिस विभाग के मुताबिक स्कूल के गार्ड्स, बस ड्राइवर और हेल्पर का वेरिफिकेशन थाना स्तर पर किया जा रहा हैं, साथ ही रिपोर्ट भोपाल भी भेजी जाएगी।

डीआईजी का कहना हैं कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं, सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर इस तरह के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल बस के ड्राइवर, हेल्पर और गार्ड्स का वैरिफिकेश किया जा रहा हैं, लेकिन अगर स्कूल प्रबंधन सही जानकारी नहीं देता हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।