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ग्वालियर खंडपीठ ने जीडीए के पक्ष में सुनाया बड़ा फैसला...

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Sep 18, 2019

विनोद शर्मा : हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने जीडीए के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए उस जमीन को प्राधिकरण का घोषित किया है जिस पर कुछ लोगों ने अपना दावा जताते हुए हाईकोर्ट से डिक्री हासिल कर ली थी। दरअसल जयारोग्य अस्पताल परिसर में करीब 35000 वर्ग फुट जमीन को 1940 से गोधना नामक किसान की जमीन बताकर उसका 1988 में नामांतरण लक्ष्मी सिंह और स्वदेश कुकरेजा ने करा लिया गया था। 

तहसीलदार ने भी तथ्यों की अनदेखी करते हुए निजी लोगों के हक में नामांतरण कर दिया था। 1992 में कलेक्टर ने तहसीलदार के नामांतरण के आदेश को निरस्त करते हुए इस जमीन को विकास प्राधिकरण की बताया था। इसके विरुद्ध लक्ष्मी सिंह और स्वदेश कुकरेजा हाईकोर्ट आए थे और उन्होंने कई तथ्यों को छुपा कर जमीन की अपने हक में डिक्री हासिल कर ली थी। जीडीए को जब इसकी जानकारी लगी तो जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से केस रिमांड हुआ। 

जुलाई 1999 में जयारोग्य अस्पताल परिसर प्रबंधन की फरमाइश पर ग्वालियर विकास प्राधिकरण को यहां कमर्शियल कंपलेक्स बनाना था लेकिन निजी लोगों द्वारा अपना दावा पेश करने से मामला लटक गया था. हाईकोर्ट ने पाया कि अपीलंट्स ने धोखाधड़ी करके जमीन को अपने हक में डिक्री कराया था। जबकि उन्हें मालिकाना हक के रूप में कोई भी दस्तावेज किसी भी कोर्ट में पेश नहीं किए थे। इसीलिए हाईकोर्ट ने जमीन का दावा करने वाले दोनों लोगों पर पच्चीस हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है।