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झाबुआ के गांधी को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, पिछले 20 वर्षो से कर हरे आदिवासी समुदाय का उत्थान

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Jan 27, 2019

मनीष गिरधानी : पिछले 20 वर्षो से झाबुआ में आदिवासी समुदाय के साथ समाज,पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर काम कर रहे महेश शर्मा को मिलेगा पद्मश्री सम्मान। बता दें कि मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के गांधी कहे जाने वाले महेश शर्मा को भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान देने का एलान किया है। महेश शर्मा को आदिवासियों के उत्थान ओर सामाजिक कार्यो के लिए सम्मानित किया गया है।

मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के गांधी महेश शर्मा को भारत सरकार ने उन्हें झाबुआ जिले मे आदिवासियो के उत्थान ओर सामाजिक कार्यों के लिए पद्मश्री से सम्मानित करने का ऐलान किया था खुद महेश शर्मा के अनुसार कल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसरों ने उन्हें पद्मश्री दिए जाने की जानकारी दी थी ।

गौरतलब है कि मुलतः दतिया के रहने वाले महेश शर्मा सन 1998 मे आर एस एस के प्रचारक बनकर झाबुआ आये थे ओर बाद मे यही के होकर रह गये ओर 2007 मे महेश शर्मा ने संघ से अलग होकर शिवगंगा अभियान लांच किया जिसके जरिऐ उन्होंने आदिवासियो के बीच धम॔ जागरण के साथ साथ उनकी प्राचीनतम परंपराओ को जीवित किया ओर हलमा जैसी परंपराओं के जरिऐ पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ आदिवासियों की समृद्ध संस्कृति को आगे बढाने के साथ साथ आदिवासियों को स्वरोजगार से जोडने का काम किया ओर इसी लिए वह झाबुआ के गांधी कहलाये ओर सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजने का फैसला किया।

महेश शर्मा ने अपने शिवगंगा अभियान के जरिऐ अभी तक झाबुआ जिले मे 1 लाख 11 हजार कंटुर ट्रेंच ; 350 गांवो मे 5000 से अधिक छोटी बडी जल संरचनाएं ; 110 गांवो मे 70000 से अधिक माता वन के पेड लगाऐ। 900 गांवो में 900 वाचनालय खोले गये। 12000 से ज्यादा आदिवासी युवाओं को सशक्तिकरण का प्रशिक्षण तथा 900 आदिवासी युवाओं को ग्राम इंजीनियर बनाया गया है। इसके अलावा महेश शर्मा ने शिवगंगा के जरिऐ आदिवासियो को जैविक खेती ओर बांस से रोजगार करने की तकनीक सिखाकर स्वावलंबी बनाया है। और उनके इन्ही प्रयासो को देखकर भारत सरकार उनको पद्मश्री सम्मान देने जा रही है। एबीपी न्यूज़ ने महेश शर्मा से बात की।