Oct 18, 2018
धर्मेंद्र शर्मा : ग्वालियर बहुचर्चित सुल्तानगढ़ वाटरफॉल हादसे में कभी सरकार की नजर में हीरो रहे चार लोग अब पुलिस की नजर में विलेन बन गए हैं। इन लोगों पर मोहना पुलिस ने मारपीट और दलित उत्पीड़न की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। खास बात यह है कि जिन 4 लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें तीन आरोपी खुद अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से आते हैं।
पता चला है कि मोहना थाना क्षेत्र के सुलतानगढ़ वॉटरफॉल हादसे में निजाम शाह, रामदास आदिवासी, कल्लन मांझी और भागीरथ आदिवासी पर मारपीट और दलित उत्पीड़न की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। निजाम शाह की पत्नी गुड्डो बेगम ने यहां बताया कि उनके पति और उनके साथ हादसे में लोगों को बचाने वाले चारों लोगों को पुलिस ने बेरहमी से मंगलवार की रात पीटा और उन पर झूठा मामला दर्ज कर दिया। उसका कहना है कि सरकार ने करीब 39 लोगों की जान बचाने वाले इन चारों लोगों को पांच-पांच लाख रुपए बतौर इनाम दिए थे। सभी को नौकरी भी दी जानी थी लेकिन सरपंच संजय मांझी और मोहना थाना प्रभारी ने उनसे कमिशन की मांग की। कमीशन नहीं देने पर उनकी मारपीट की गई और सरपंच के भाई के साथ झगड़े की बात लिखाई गई ।जबकि उनका कोई झगड़ा नहीं हुआ था। सरपंच संजय मांझी से इन चारों को अपनी नौकरी संबंधी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने गए थे गुड्डो बेगम का कहना है कि इसी के एवज में सरपंच पच्चीस- पच्चीस हजार रुपए मांग रहा था ।
अपने वकील के साथ जिला न्यायालय आई गुड्डो बेगम ने बताया कि वह न्यायालय में पति की ओर से एक आवेदन पेश कर रही है। जिसमें पुलिस की ज्यादती के बारे में न्यायालय को अवगत कराएगी। वही गुड्डो बेगम के अधिवक्ता का कहना है कि चार में से तीन पर एसटी-एससी के तहत मामला दर्ज नहीं हो सकता। क्योंकि 3 अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं ।गौरतलब है कि 15 अगस्त को सुल्तानगढ़ हादसे में11 लोगों की मौत हो गई थी। और 39 लोगों को टापू में फंसे होने के बाद आधी रात को इन बहादुर लोगों ने अपनी जान पर खेलकर बचाया था।