Jun 29, 2018
एक बार फिर पवई के कृष्णगढ में ममता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है जहाँ मस्जिद के पास एक नवजात बच्ची कचरे के ढेर में रोते बिलखते हुए मिली। जब दुधमुंही बच्ची की चीख पुकार गांव के लोगों ने सुनी तो पूरे गांव के लोग जमा हो गये। बच्ची को जीवित देख कर गांव के लोगो ने बच्ची को कचरे से उठा कर इसकी जानकारी डायल 100 वाहन व 108 वहन को दी परन्तु वाहनों को पहुंचने में हो रही लेट लतीफी को देखते हुये ग्रामीणों ने बच्ची को स्वयं के वाहन से पवई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
जहाँ डॉक्टरों की टीम द्वारा बच्ची का ईलाज करते हुए बताया कि बच्ची अभी स्वस्थ्य है परन्तु कम वजन व बेहतर इलाज के लिए बच्ची को जिला चिकित्सालय पन्ना भेजा जा रहा है वही पुलिस इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है कि आखिर मानवता को शर्मशार करने वाली घटना के पीछे कौन है और किन परिस्थितियों में नवजात बच्ची को कचरे के ढेर में फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ा। ग्राम कृष्णगढ के लोगो द्वारा समय से बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के इस नेक कार्य की हर तरफ प्रसंसा की जा रही है।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि बच्ची को कचरे में फेंकने के पीछे आखिर क्या वजह हो सकती है क्या बच्ची को अवैध संबंधो का शिकार होना पड़ा या फिर आज भी समाज में बच्चियों को अभिशाप माना जा रहा है फिलहाल मामला कुछ भी हो परंतु इसका खामियाजा नवजात बच्चियों को ही क्यों भुगतना पड़ता है कहीं कचरे के ढेर में तो कहीं नालो में फेंकने के मामले सामने आते है और ऐसे मामलों का खुलासा बहुत कम हो पाता है जिस कारण आए दिन ऐसी घटनाएं सामने निकल कर आती है जिस पर न तो समाज अंकुश लगा पा रहा है और न ही प्रशासन व सरकार।