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महत्वाकांक्षी संबल योजना बनी मजाक, पीड़िता विधवा काट रही दफ्तरों के चक्कर

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Feb 5, 2019

इलयास खान - एमपी गजब है सबसे अजब हैं अब भी सरकारी विभागों में यह बात सच साबित होती नजर आ रही हैं जनपद पंचायत सांची के अंतर्गत आने वाले ग्राम खोहा में रहने वाले एक परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने के बाद संबल योजना तहत 2 लाख 5 हजार रुपये का चेक से लाभ प्रदान किया गया था पीड़ित परिवार का आरोप हैं कि पंचायत सचिव रिश्वत में मोटी रकम मांग रहा था जो यह परिवार देने को तैयार नही था इसके कारण उनके खाते से रुपये वापस करा दिए गए।

रिश्वत न देने पर किया अपात्र घोषित

दअरसल ग्राम खोआ में रहने वाले गरीब परिवार के मुखिया अमर सिंह की हार्टअटैक से चार महीने पहले मृत्यु हो गई थी उस समय पंचायत सचिव और सहायक सचिव ने लालच में आकर उनका पंजीयन कर मंत्री के हाथों चेक प्रदान करा दिया जब चेक की राशि खाते में आई तो सचिव और सहायक सचिव ने परिवार से रिश्वत के रुपये मांगे लेकिन जब परिवार के सदस्य ने इसका विरोध किया तो उन्हें इस योजना में अपात्र घोषित करा कर खाते में आई राशि विभाग को वापस करा दी गई।

विधवा ने लगाए सरकार पर आरोप

अब जब कांग्रेस की सरकार आई तो फिर से संबल योजना की बारीकी से जांच की गई तो उसमें कुछ लोगों के गलत पंजीयन करने की बात सामने आई जिसके बाद अब अपात्र हितग्राहियों से वसूली की कार्यवाही की जा रही है पीड़ित विधवा का कहना है कि हमारे घर आए दिन सहायक सचिव और सचिव द्वारा चौकीदार को वसूली के लिए बार-बार पहुंचाया जा रहा हैं जब सरकार को हमे इस योजना का लाभ देना ही नही था तो फिर क्यो हमे सरकारी कार्यक्रम में बुला कर सबके सामने चेक प्रदान किया गया।

सरपंच श्याम भाई को नहीं दी जाती कोई जानकारी

इस मामले में जब हमने ग्राम सरपंच से बात की तो यहां एक और बड़ा खुलासा हुआ पंचायती राज व्यवस्था में सरकारें लाख दावा कर ले लेकिन महिलाओं के अधिकार कितने कारगर यहां साबित हो रहे हैं इसका भी यहां ताजा उदाहरण देखने को मिला इस मामले में गांव की सरपंच श्याम भाई को कोई जानकारी तक नहीं उसका कहना है कि गांव के सचिव सहायक सचिव और जनपद कार्यालय केवल उनके नाम का प्रयोग करते हैं उनसे किसी प्रकार के काम के बारे में जानकारी तक नहीं दी जाती।

जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्यवाही

यहां तक की उन्होंने सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सचिव के पास सरपंच के नाम की पहले से ही एक सील बनी हुई है जोगवा है अपने हिसाब से उपयोग करता है यह स्थिति रायसेन जैसे उस जिले की है जहां कि सांसद सुषमा स्वराज हैं वहीं जिले की कलेक्टर और एसपी भी महिला है महिला प्रधान इस जिले में महिला जनप्रतिनिधियों को रबड़ स्टांप की तरह यूज किया जा रहा है और सरकारी योजनाओं का मजाक बनाकर लोगों को इस तरह परेशान किया जा रहा है जिस पर जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने की सिर्फ बातें करते नजर आते हैं।