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BHOPAL: यहां बिताएं प्रकृति के बीच वीकेंड के खास पल

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Mar 17, 2024

BHOPAL: प्राकृतिक नजारे देखने को मिलेंगे बल्कि खेत-खलिहान और उद्यान को भी नजदीक से निहारा जा सकता है। इको टूरिज्म की अलग-अलग जगहों पर जाकर प्राकृतिक नजारे देखने को मिलेंगे बल्कि खेत-खलिहान और उद्यान को भी नजदीक से निहारा जा सकता है। इको टूरिज्म की अलग-अलग जगहों पर जाकरप्राकृतिक नजारे देखने को मिलेंगे बल्कि खेत-खलिहान और उद्यान को भी नजदीक से निहारा जा सकता है। इको टूरिज्म की अलग-अलग जगहों पर जाकर दिनभर आनंद लिया जा सकता है। साथ ही इन जगहों पर खेल एक्टीविज के साथ वर्ड वाचिंग और कल्चरल प्रोग्राम का भी आनंद उठाया जा सकता है।  

कठोतिया, कोलार रोड

कठोतिया को रबियाबाद के नाम से भीजाना जाता है, जो भोपाल के नवाबों का शिकारगाहरहा है। यह स्थान 65 से अधिक चट्टानी शैलाश्रय हैं। सुरम्य परिदृश्य, मानवशास्त्रीय स्थल और साहसिक गतिविधियां इसे पर्यटकों के बीच और भीआकर्षक स्थान बनाती हैं। यहा आप ट्रेकिंग, बर्ड वाचिंग, बैलगाड़ी की सवारी, रैपलिंग, रिवर क्रासिंग, विलेज टूर, बैलेंसद रोप और बहुत सारे टीम गेम्स जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद लें। सुंदर विविधजंगल, राक पेंटिंग, मौसमी झरना, आदिवासी झोपड़ियां, नवाबों की शिकारगाह काआनंद लें और स्थानीय जातीय भोजन का स्वाद लें ।

चिड़िखो, नरसिंहगढ़

चिड़िखो नरसिंहगढ़ में है, जिसे 1978 में अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। अभयारण्य में तेंदुए, जंगली सूअर, सांभर, चीतल और प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए उत्कृष्ट स्थान है। जहां प्राचीन किला बड़े महादेव, छोटे महादेव मंदिर, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, नदियापानी, बड़ी हनुमान गढ़ी और जल मंदिर अन्य प्रमुख पर्यटन आकर्षण हैं।

भोपाल से 70 किमी दूर भोपाल से 70 किमी दूर चिड़िखो है। आप टैक्सी या व्यक्तिगत परिवहन द्वारा आसानी से वहां पहुंच सकते हैं। यह बर्ड वाचिंग, ट्रैकिंग, हेरिटेज वाक शामिल है। आस-पास के गांवों में कुछ सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त सकते हैं। बड़े महादेव मंदिर, छोटे महादेव मंदिर, गुप्तेश्वर मंदिर, नदियापानी, बड़ी हनुमान गढ़ी, व्याख्या केंद्र और विभिन्न विरासत स्थलों का दौरा किया जा सकता है। कैंपसाइट के आसपास वन्यजीवों को देखने जा सकता है। स्थानीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं।

समरधा, रायसेन रोड

शहर की व्यस्त भीड़ से दूर भोपाल के पास समरधा गांव के खूबसूरत जंगल में जाएं, जहां यह जंगल कैंप स्टे और ईको-टूरिज्म स्पाट स्थित हैं। हल्के रोमांच के स्वाद के साथ आरक्षित वन क्षेत्र में रहने का अनुभव यह सुनिश्चित करने का एक शानदार तरीका है, जहां दोस्तों के साथ अपने दिन का आनंद उठा सकते हैं.   

ऐसे पहुंचे: समरधा जंगल कैंप भोपाल से- 30 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है। भोपाल से रायसेन रोड पर पड़रिया गांव तक जाएं, जो एक वन चौकी है, यहां से समरधा जंगल कैंप तक पहुंचने के लिए 10 किमी जाना होगा।

यह गतिविधियां: कैंप में एक लघु जंगल ट्रैकिंग, जो समरधा वन में प्रकृति के करीब जाने का मौका मिलेगा। यहां आप फ्लैग मेकिंग, ह्यूमन कैटापुल्ट, स्पीयर थ्रू, तीरंदाजी और रिवर क्रासिंग में हिस्सा ले सकते हैं।

 

Report By:
Author
ASHI SHARMA