Jan 7, 2020
सचिन राठौड़ - जिला अस्पताल में लापरवाही का आलम क्या है आप इसका अंदाजा इस खबर को देख कर लगा सकते हैं। एक पीड़ित को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाया जाता है, जहां एक्सरे और अन्य जांच के बाद, उसकी रिपोर्ट 20 दिन बाद देने का कहा जाता है। जब महिला के परिजन निजी अस्पताल में महिला की जांच कराते हैं तो महिला को डेढ़ महीने का गर्भ होने की बात जांच में सामने आती है।
सीएमएचओ ने इस मामले में सिविल सर्जन से बात करने की बात कही
वहीं जब जिला अस्पताल की रिपोर्ट आई तो महिला की रिपोर्ट में निगेटिव अर्थात महिला को जिला अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार गर्भ नहीं था। जिला अस्पताल की रिपोर्ट को लेकर महिला के परिजनों में रोष है। उनका कहना है कि जिला अस्पताल में जब इस बारे में मैंने बताया तो उन्होंने कहा कि यहां पब्लिक ज्यादा आती है, इसलिए मिस्टेक हो जाती है। सीएमएचओ अनीता सिंगोरे का कहना है कि इस मामले को लेकर सिविल सर्जन से बात की जाएगी।