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पन्नाः ओबीसी प्रीमेट्रिक छात्रावास में बदहाली का आलम, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लगभग चार दर्जन छात्र

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Jan 7, 2020

गणेश विश्वकर्मा - जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर पुराना पन्ना में स्थित प्रीमेट्रिक छात्रावास औऱ उसमें निवासरत लगभग चार दर्जन छात्र व्यवस्थाओं की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। छात्रावास में एक साल से बोरबेल ख़राब पड़ी हुई है। जिसकी रिपेयरिंग तक नहीं कराई गई। जिसकी वजह से छात्र बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। नहाने, कपड़े धोने के लिए छात्रावास से दूर हैंडपंप में जाने को मजबूर हो रहे हैं। महीने में एक आध बार टैंकर के माध्यम से पानी भिजवाया जाता है। जिसे छात्र या तो पीने के लिए उपयोग कर ले या नहाने व कपड़े धोने के लिए। छात्रों ने बताया कि पानी न मिलने से शौच के लिए भी बाहर जाना होता है। पाईप लाइन व टंकिया टूट कर कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। छात्रावास के अंदर आवारा कुत्तों का घूमना भी आम बात बन चुकी है।

महीनों देखने तक नहीं जाते अधीक्षक, अनदेखी का शिकार हो रहा छात्रावास

छात्रावास के पीछे कुछ मवेशियों की मौत ठंड के प्रकोप के कारण हो गई थी। जिन्हें प्रशासन को जानकारी देने के बावजूद भी उठवाया नहीं गया है। जिससे छात्रावास के अन्दर दुर्गंध जा रही है और छात्र ऐसे ही हालात में रहने को मजबूर हैं। हालांकि पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से जब इस विषय पर बात की तो उन्होंने तुरंत पन्ना एसडीएम को मौके पर जाकर निरीक्षण करने को कहा है और व्यवस्थाओं को सुधार करवाने को कहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इन छात्रों को व्यवस्थाएं मुहैया करा पाती है या फिर इन्ही हालातों में रहकर पढ़ाई करना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अलावा ओबीसी छात्रों को पढ़ाई करने के लिए भी विशेष सुविधाओं मुहैया कराई जा रही है, लेकिन यह सभी सुविधाएं कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रही हैं। आलम इस कदर बिगड़ चुका है कि घर परिवार छोड़कर छात्रावास में रह रहे छात्रों की देखभाल करने वाले छात्रावास अधीक्षक महोदय घर में आराम फरमाते रहते हैं और मात्र चपरासी के भरोसे ही छात्रावास की देखभाल करवाई जा रही है।